AXIS BANK के कर्मचारीयों बैंक से गायब कर दिए 17 लाख 52 हजार, 9 माह से मामले को दबाया जा रहा था,अब FIR

कोलारस। खबर जिले के कोलारस थाना क्षेत्र के कोलारस एक्सिस बैंक से आ रही है। जहां बैंक के दो कर्मचारीयों ने मिलकर बैंक के 17 लाख 52 हजार रूपए पार कर दिए। इस मामले में जिम्मेदार बैंककर्मी मामले को अपने स्तर पर ही निपटाने के प्रयास में थे। परंतु जब यह मामला नहीं निपटा तो अब इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह घटनाक्रम लगभग 9 माह पुराना बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार एक्सिस बैंक कोलारस में दो कस्टोडियन (बॉल्ट ऑपरेट करने हेतु अधिकृत कर्मचारी) ने बॉल्ट में से 17 लाख 52 हजार 139 रूपए का गवन कर लिया। 9 माह पूर्व हुए इस अपराध में पुलिस ने जांच के पश्चात पाया कि कस्टोडियन आसिफ अंसारी ने सहायक कस्टोडियन रोहित शर्मा की मिलीभगत से एक्सिस बैंक कोलारस द्वारा उसे सुपुर्द की गई राशि में से 17 लाख 52 हजार 139 रूपए निकालकर अमानत में ख्यानत का अपराध किया है। बैंक ने हालांकि मैनेजर सुलभ राजावत के विरूद्ध भी एफआईआर दर्ज कराई थी।
लेकिन पुलिस ने जांच में पाया कि उनका इस आपराधिक कृत्य में शामिल होना नहीं पाया गया। बल्कि वह अभियोजन के एक महत्वपूर्ण साक्षी हैं। उन्हें क्लीनचिट देने से पूर्व पुलिस ने एक्सिस बैंक कोलारस के कर्मचारियों और क्लस्टर हैड अमित सोनी के कथन लिए थे। 9 माह पूर्व हुए इस अपराध की एफआईआर लिखाने में देरी क्यों हुई इसके लिए पुलिस सूत्र बैंक प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हैं। दोनों आरोपियों के विरूद्ध भादवि की धारा 409 और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। दोनों आरोपी फरार बताए जाते हैं।
इस मामले में एक्सिस बैंक शिवपुरी के बं्राच मैनेजर फरियादी दीपेंद्र राजावत ने बताया कि उन्हें बैेंक प्रबंधन ने एफआईआर दर्ज कराने के लिए अधिकृत किया है। लेकिन उन्हें घटना की विस्तृत जानकारी नहीं है। घटना की जानकारी हेतु पुलिस ने कलस्टर हेड अमित सोनी के कथन लिए। श्री सोनी ने अपने कथनों में बताया कि 7 मार्च 2022 तक आसिफ अंसारी और रोहित शर्मा एक्सिस बैंक शाखा कोलारस में बोल्ट ऑपरेट करने हेतु अधिकृत थे। 7 मार्च से आसिफ अंसारी छूट्टी पर था।
चूकि बोल्ट की चाबी उसी के पास थी। इसीलिए बैंक मैनेजर ने बैंक संचालन हेतु मोबाइल पर आसिफ से पूछा तो उसने मैनेजर सुलभ राजावत को बताया कि चाबी उसके ड्रायर में रखी है। चाबी निकालकर बॉल्ट को ऑपरेट किया गया और बैंक बंद करने के समय बॉल्ट में रखी राशि गिने जाते समय 17 लाख 25 हजार रूपए कम पाए गए। इस पर मैनेजर ने आसिफ अंसारी से उक्त राशि कम होने के बारे में मोबाइल से पूछा तो उसने बताया कि उक्त राशि उसने स्वयं के कार्य से निकाल ली है और शीघ्र ही वापिस बैंक के बॉल्ट में रख देगा।
लेकिन जब 9 मार्च को भी उक्त राशि आसिफ अंसारी द्वारा बैंक बॉल्ट में नहीं रखी गई तो मैनेजर ने क्लस्टर हैड अमित सोनी को पूरी बात बताई और पुन: राशि गिनी गई तो बॉल्ट में 17 लाख 52 हजार 139 रूपए कम पाए गए। इसकी सूचना बैंक प्रबंधन ने वरिष्ठ कार्यालय को दी और बैंक प्रबंधन लगातार यह कोशिश करता रहा कि आसिफ अंसारी उक्त राशि बैंक में जमा कर दे ताकि मामला रफा दफा किया जा सके।
सूत्र बताते हैं कि कर्ज में डूबे आसिफ अंसारी ने उक्त राशि का उपयोग कर्ज चुकाने के लिए किया। बैंक प्रबंधन को इस अपराध में तत्कालीन बैंक मैनेजर सुलभ राजावत की भूमिका भी नजर आई। इसलिए एफआईआर में उनका नाम भी लिखाया गया। लेकिन पुलिस ने जांच में सुलभ राजावत को क्लीनचिट दी और दोनों को कस्टोडियन पर मामला दर्ज कर लिया।
इनका कहना है-
एफआईआर लिखाने में देरी के लिए बैंक प्रबंधन जिम्मेदार है। बैंककर्मी परवारे मामला सेटल करने की कोशिश करते रहे। एफआईआर में तत्कालीन मैनेजर का नाम भी उन्होंने लिखाया था। लेकिन पुलिस ने जांच में पाया कि तत्कालीन बैंक मैनेजर की इस अपराध में कोई भूमिका नहीं है। इस बार में बैंक कििर्मयों से पूछताछ की गई और उनके बयानों के बाद यह पाया गया कि अपराध में मैनेजर की भूमिका नहीं है। कस्टोडियन आसिफ अंसारी ने रोहित शर्मा की मिलीभगत से बॉल्ट में से 17 लाख 52 हजार रूपए निकालकर अमानत में ख्यानत का अपराध किया है।
मनीष शर्मा, टीआई कोलारस