सुबह छोटे छोटे बच्चों को स्कूल भेजकर खतौरा से 80 किमी दूर रोज शिवपुरी आती है जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा अमित यादव, किचिन की जिम्मेदारी भी इन्हीं के हाथों में

शिवपुरी। आज अचानक जिला पंचायत अध्यक्ष की गाडी पुराने बस स्टेण्ड प्रांगण में आकर रूकी तो वहां उपस्थिति लोगों को लगा शायद वह यहां बस स्टेण्ड का निरीक्षण करने आई है। परंतु यह गाडी रूकने के बाद इस गाडी में से उतरी जिला पंचायत शिवपुरी की नवनिर्वाचित अध्यक्ष नेहा अमित यादव।
नेहा यादव अपने कार्यालय से फ्री होकर आई और उन्हें याद आया कि उन्हें किचिन के लिए कप और क्रॉकरी खरीदनी है। अब यह क्रॉकरी महिलाओं को पुरूषों के द्धारा खरीदकर लाई जाने बाली पसंद आने से तो रही तो उन्होंने स्वयं दुकानपर जाकर यह क्रॉकरी खरीदने का निर्णय लिया। जिसके चलते वह सीधे पुराने बस स्टेण्ड के बाहर आराध्या क्रॉकरी पर पहुंची और वहां पहुंचकर उन्होंने कप और अन्य क्रॉकरी का सामान खरीदा।
उसके बाद उन्होने बाजार में शॉपिंग की। तभी उन्हें स्वतंत्र शिवपुरी की टीम ने देखा और उनसे बातचीत की तो उन्होंने बताया कि जब से उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाली है तब से ही वह दो तरह की जिम्मेदारीयों का निर्वहन कर रही है। महिला होने के चलते उनपर घर के साथ साथ राजनीति में जिला पंचायत की जिम्मेदारी मिली है। जिसके चलते वह सुबह सबसे पहले अपने बच्चों को तैयार कर उनके लिए लंच बनाकर उन्हें स्कूल छोडती है। और उन्हें स्कूल छोडकर वह अपने कार्यालय के लिए निकलती है।
नेहा यादव ने बताया है अब दिन छोटे है जिसके चलते सुबह सबसे पहले उठकर अपने बच्चों को तैयार कर उन्हें लंच बनाकर फिर घर से निकलना होता है। उसके बाद वह रोज सुबह 80 किमी दूर से गाडी से शिवपुरी आती और दिन भर अपने शासकीय कार्यक्रमों में रहती है। आज भी वह सुबह से बदरवास और कोलारस में आशा कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद शिवपुरी आई और यहां आकर उन्हें याद आया कि किचिन के लिए क्रॉकरी लेना है और इसीलिए वह यहां क्रॉकरी खरीदने आई।
अब एक महिला द्धारा इतनी मेहनत की जब उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि उनका पूरा परिवार उनके साथ में कंधे से कंधा मिलाकर खडा है। परिवार में सास ससुर बच्चों का पूरा ख्याल रखते है। पति अपनी पूरी जिम्मेदारीयों का निर्वहन करते है और साथ ही वह अपने पिता पूर्व विधायक महेन्द्र यादव के बताए गुरों को यहां राजनीति में फॉलों करती है। हांलाकि उन्होंने बताया कि जब वह यहां से पब्लिक के बीच के मुद्दों को हल करने में सफल होती है तो उनकी पूरी थकान खत्म हो जाती है।