शिवपुरी में लंपी वायरस का खतरा: शिवपुरी में फिर फैली दहशत, 200 मवेशी संक्रमित

शिवपुरी। जिले में एक बार फिर लंपी वायरस ने मवेशियों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। जिला मुख्यालय पर करीब 200 मवेशियों में इस बीमारी के शुरुआती लक्षण पाए गए हैं, जिनका उपचार किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों से भी संक्रमण फैलने की जानकारी मिल रही है। हालात को देखते हुए पशुपालन विभाग ने एहतियातन वैक्सीनेशन अभियान शुरू कर दिया है।
उपसंचालक पशुपालन डॉ. एल.आर. शर्मा ने बताया कि शिवपुरी जिले को प्रदेश स्तर से 25 हजार डोज वैक्सीन उपलब्ध कराई गई हैं। इनमें से प्रत्येक विकासखंड को तीन-तीन हजार और जिला मुख्यालय को चार हजार डोज वितरित की गई हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति अभी नियंत्रण से बाहर नहीं है, लेकिन पशुपालकों को सतर्क रहना जरूरी है।
गौरतलब है कि सितंबर 2022 में भी जिले में लंपी वायरस का प्रकोप हुआ था, जिसमें सैकड़ों मवेशियों की मौत हुई थी। उस समय सैंपलिंग कराई गई थी, लेकिन इस बार अभी तक सैंपलिंग शुरू नहीं हो सकी है। विभाग का मानना है कि यदि समय रहते सावधानी नहीं बरती गई तो संक्रमण तेजी से फैल सकता है और बड़ी संख्या में मवेशियों की जान जा सकती है।
लंपी वायरस मवेशियों की संक्रामक बीमारी है। इसमें त्वचा पर गांठें निकल आती हैं, बुखार होता है, पशु खाना-पीना छोड़ देते हैं और दूध उत्पादन घट जाता है। यह बीमारी कीड़े, मक्खी, मच्छर, संक्रमित मवेशियों के खून, लार और दूध से फैलती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस सीधे इंसानों को प्रभावित नहीं करता, लेकिन संक्रमित पशु का दूध अच्छी तरह उबालकर ही पीना चाहिए।
संक्रमण से बचाव के उपाय:
- लक्षण दिखते ही तुरंत पशु चिकित्सक को बुलाएं।
- संक्रमित पशु को स्वस्थ मवेशियों से अलग रखें।
- पशुओं के आसपास साफ-सफाई और कीटनाशक का छिड़काव करें।
- मक्खी-मच्छरों पर नियंत्रण रखें।
- मृत पशु को चूना व नमक डालकर गहरे गड्ढे में दबाएं।
डॉ. शर्मा ने बताया कि सभी विकासखंडों के डॉक्टरों को एडवाइजरी जारी की गई है और पशुपालकों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है।