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जच्चा-बच्चा की जिंदगी से खेला जिला अस्पताल: प्रसूता ने गेट पर दिया बच्चे को जन्म, चादर की ओट में महिलाओं ने कराई डिलीवरी

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शिवपुरी। जिला अस्पताल की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। रविवार को अस्पताल के मुख्य गेट पर ही प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया। इस दौरान अस्पताल स्टाफ मदद के लिए बाहर नहीं आया। आसपास मौजूद महिलाओं ने कंबल और चादर की ओट बनाकर प्रसव कराया। करीब 20 मिनट बाद स्वास्थ्यकर्मी मौके पर पहुंचे और जच्चा-बच्चा को वार्ड में भर्ती किया।

भौंती थाना क्षेत्र के दुल्हई गांव की चायना आदिवासी को पहले सिरसौद स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था। वहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन जैसे ही परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, अचानक प्रसव पीड़ा बढ़ गई और उसने गेट पर ही नवजात को जन्म दे दिया।

घटना के समय अस्पताल के बाहर मौजूद महिलाओं ने चादर लगाकर प्रसूता की मदद की। वहीं पुरुष अस्पताल के अंदर मदद लेने दौड़े, लेकिन स्टाफ काफी देर तक बाहर नहीं आया।

प्रसूता की जेठानी कलावती ने आरोप लगाया कि सिरसौद स्वास्थ्य केंद्र में समय रहते ध्यान दिया जाता तो यह स्थिति नहीं बनती। वहीं चंदावनी के जीतपाल ने बताया कि जब वह गायनिक वार्ड मदद लेने पहुंचे तो गार्ड ने पहले टोकन दिखाने की बात कही, जिसके चलते देरी हुई।

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. बी.एल. यादव ने कहा कि प्रसव एम्बुलेंस में ही हो गया था और तुरंत मां और बच्चे को भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया। फिलहाल दोनों स्वस्थ हैं।

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