विरोध के बीच पहली बार दफ्तर पहुंचीं नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा: पार्षदों के बिरोध पर बोलीं- यह घर का छोटा विवाद, जल्द सुलझ जाएगा

शिवपुरी। नगर पालिका में पिछले ढाई महीने से चल रहा विवाद अब और तेज हो गया है। शुक्रवार शाम करीब 4 बजे नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा लंबे समय बाद कार्यालय पहुंचीं। यहां उन्होंने विरोधी पार्षदों के सवालों का सीधा जवाब देते हुए कहा— “यह घर का मामूली विवाद है, सब जगह उतार-चढ़ाव आते हैं। जल्द सब मैनेज हो जाएगा।”
गायत्री शर्मा ने याद दिलाया कि ढाई साल पहले भी ऐसा संकट खड़ा हुआ था, लेकिन हालात संभल गए थे। उनका कहना है कि राजनीति में ऐसे उतार-चढ़ाव सामान्य हैं और समय के साथ हालात फिर पटरी पर आ जाएंगे।
कलेक्टर बोले- इस्तीफों पर अभी फैसला नहीं
कलेक्टर वीरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि 18 पार्षदों के सामूहिक इस्तीफे पर जांच जारी है। पार्षदों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। इस बीच तीन CMO निलंबित हो चुके हैं। इस्तीफे स्वीकार किए जाएंगे या नहीं, इस पर फैसला बुधवार तक होगा। नपाध्यक्ष पर कार्रवाई भोपाल से तय होगी।
अविश्वास प्रस्ताव खारिज, पार्षदों ने दिया इस्तीफा
दरअसल, कलेक्टर ने हाल ही में अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन अमान्य कर दिया था। इसके बाद नाराज 18 पार्षदों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने से पहले सभी पार्षद माधव चौक हनुमान मंदिर पर जुटे, वहां से डीजे-बैंड के साथ जुलूस निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और सामूहिक त्यागपत्र सौंपे।
इस्तीफा देने वालों में 12 भाजपा, 4 कांग्रेस और 2 निर्दलीय पार्षद शामिल हैं। खास बात यह है कि 11 जून को 22 पार्षदों ने करैरा स्थित बगीचा सरकार मंदिर में अध्यक्ष को हटाने की शपथ ली थी। मान्यता है कि यहां खाई गई सौगंध टूटने पर विपत्ति आती है। इसी कारण पार्षदों ने इस्तीफा देकर अपनी प्रतिज्ञा निभाई।