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जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही: गेट पर आदिवासी महिला ने दिया बच्चे को जन्म, खून से सन गई चौखट

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शिवपुरी। जिला अस्पताल शिवपुरी में स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। सोमवार रात जिला अस्पताल के मुख्य दरवाजे पर ही एक आदिवासी महिला ने नवजात शिशु को जन्म दिया। आरोप है कि बार-बार बुलाने पर भी अस्पताल का कोई नर्सिंग स्टाफ या वार्ड बॉय मदद के लिए नहीं पहुंचा। मजबूरन महिला के परिजनों ने ही प्रसव कराया।

एंबुलेंस नहीं आई, ऑटो से पहुंची अस्पताल
करौंदी कॉलोनी निवासी वीरेंद्र जाटव ने बताया कि उसकी पत्नी रीना आदिवासी को सोमवार शाम प्रसव पीड़ा शुरू हुई। 108 जननी एंबुलेंस पर कई बार कॉल करने के बाद भी वाहन नहीं आया। आखिरकार परिजन रात 10 बजे ऑटो से रीना को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल के गेट पर पहुंचते ही रीना ने बच्चे को जन्म दिया।

बुलाने पर भी स्टाफ नहीं आया बाहर
वीरेन्द्र ने बताया कि डिलीवरी के दौरान वह अस्पताल के भीतर मदद के लिए दौड़ा, लेकिन नर्सिंग स्टाफ और वार्ड बॉय बाहर नहीं आए। उल्टा उसे कहा गया कि मरीज को वार्ड तक लाओ। ऐसे में प्रसव पीड़ा से जूझ रही रीना को परिजनों ने ही संभाला और बच्चे को जन्म दिलाया। बाद में परिजन ही महिला को स्ट्रेचर पर लिटाकर वार्ड में भर्ती कर पाए। इस दौरान अस्पताल की चौखट खून से सन गई, जिसे बाद में पानी डालकर साफ करना पड़ा।

सिविल सर्जन बोले – देर से लाई गई मरीज
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. बी.एल. यादव ने बताया कि महिला को अस्पताल देर से लाया गया था। हालांकि डिलीवरी के बाद मां और बच्चे दोनों का उपचार तुरंत शुरू किया गया और दोनों सुरक्षित हैं।

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