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कोलारस में बाढ़ से बर्बाद हुई मक्का की फसल, किसान मुआवजे के इंतजार में खुद रौंद रहे खेत

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शिवपुरी। जुलाई के अंतिम सप्ताह में सिंध नदी में आई बाढ़ और लगातार बारिश ने कोलारस विधानसभा क्षेत्र के किसानों की जिंदगी में तबाही मचा दी। नदी के उफान और जलभराव से कई गांवों में घर टूट गए, अनाज का भंडार बह गया और खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह चौपट हो गईं। सबसे ज्यादा नुकसान मक्का बोने वाले किसानों को हुआ है, जो अब अगली फसल के लिए अपने ही हाथों से खेत साफ करने को मजबूर हैं।

छापी गांव के किसान शिवेंद्र यादव बताते हैं—”हमारे गांव के लगभग सभी किसानों ने मक्का बोई थी, लेकिन पानी भरने और लगातार बारिश से फसल खराब हो गई। फसल को बचाने के लिए यूरिया खाद की जरूरत थी, मगर समय पर खाद नहीं मिली। नतीजा यह हुआ कि पूरी फसल सूखकर नष्ट हो गई।” अब किसान ट्रैक्टर से खेतों में खड़ी खराब मक्का को रौंदकर अगली फसल की तैयारी कर रहे हैं।

सर्वे का इंतजार, राहत पर सवाल
किसानों का कहना है कि बाढ़ और बारिश से हुए नुकसान का सर्वे अब तक शुरू नहीं हुआ है। कोई पटवारी गांव में नहीं आया, जिससे मुआवजा मिलने में देरी हो रही है। “हमारे पास अब बीज और खाद खरीदने के भी पैसे नहीं हैं, सरकार ने मदद का वादा किया था, लेकिन अभी तक कुछ हुआ नहीं,” शिवेंद्र ने कहा।

सिंधिया और सीएम का वादा
बाढ़ प्रभावित पचावली गांव में मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दौरा कर पीड़ितों को जल्द राहत देने का आश्वासन दिया था। कुछ गांवों में मुआवजा भी मिला है, लेकिन छापी समेत कई गांव अभी भी इंतजार में हैं।

20 अगस्त तक सर्वे पूरा करने का दावा
कोलारस एसडीएम अनूप श्रीवास्तव ने कहा कि सर्वे कार्य तेजी से चल रहा है और शेष गांवों का सर्वे 20 अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सभी पात्र किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

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