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जनसुनवाई: पति की मौत की क्षतिपूर्ति राशि ससुर जेठ ने हड़पी, पत्नि बेटी की तलाश व धोखाधड़ी से जमीन हड़पने की शिकायत

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शिवपुरी। जिला मुख्यालय पर मंगलवार को जनसुनवाई में जिले भर से पीड़ितों ने पहुंचकर अपनी शिकायतें रखी। इनमें तीन मामले खासतौर पर सामने आए, जिनमें महिलाओं ने घरेलू हिंसा, आर्थिक धोखाधड़ी और जानमाल के खतरे की शिकायत की, जबकि एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और बच्ची की गुमशुदगी को लेकर प्रशासन से मदद मांगी।

जानकारी के अनुसार बैराड़ निवासी रूबी बाथम ने जनसुनवाई में बताया कि उनके पति रामवरन बाथम की जून माह में हैदराबाद में एक कंपनी में दुर्घटना में मौत हो गई थी। कंपनी द्वारा मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि स्वीकृत की गई थी, जिसमें से 13 लाख रुपए नकद उनके ससुर और जेठ ने कंपनी से यह कहकर प्राप्त कर लिए कि 80% राशि रूबी और उसके बेटे को दी जाएगी। लेकिन, बाद में ससुराल पक्ष के लोगों ने रुपए देने से मना कर दिया और रूबी को गाली-गलौज कर मारपीट करते हुए उसके 2 वर्षीय बेटे सहित घर से निकाल दिया। पीड़िता अब मायके बैराड़ में रह रही है और उसने ससुराल वालों के विरुद्ध मामला दर्ज करने व सहायता राशि दिलवाने की मांग की है।

दूसरे मामले में करोंदी कॉलोनी शिवपुरी निवासी साधू आदिवासी ने अपनी पत्नी जूली (सोमवती) और 4 वर्षीय बेटी राधिका के लापता होने की जानकारी दी। साधू ने बताया कि उसकी पत्नी 4 जुलाई को मायके करैरा चली गई थी और 6 जुलाई को यह कहकर निकली कि वह ग्वालिया गांव जा रही है, लेकिन तब से उसका कोई पता नहीं है। इससे पहले भी वह कई बार लडाई-झगड़े के बाद मायके चली जाती थी, लेकिन इस बार अब तक वापिस नहीं लौटी। साधू ने प्रशासन से पत्नी-बेटी का पता लगाने की मांग की है।

तीसरे मामले में पिछोर तहसील के ग्राम कैमखेड़ा के ग्रामीणों ने शिकायत करते हुए कहा कि पूर्वज पंचम सिंह ठाकुर की मौत के बाद उनके आठ वैध वारिसों के नाम भूमि का नामांतरण होना था, लेकिन दो वारिसों ने कथित रूप से कूटरचना कर अधिक भूमि का नामांतरण करा लिया और फिर वह भूमि अन्य लोगों को बेच दी गई। इससे अन्य वारिसों को उनके हिस्से से कम भूमि मिली। उन्होंने धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए दोषियों के विरुद्ध मामला दर्ज करने की मांग की है।

तीनों मामलों में पीड़ितों ने एसपी और कलेक्टर से कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई है। जनसुनवाई के दौरान इन मामलों को गंभीरता से सुनते हुए संबंधित अधिकारियों को जांच एवं कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

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