यशोधरा राजे सिंधिया का सपना,सूअर मुक्त शहर को अपना: अभी भी सिर्फ सपना, तीन बार टेंडर, तीनों असफल

शिवपुरी। मध्यप्रदेश सरकार में कैवीनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया लगातार शिवपुरी को सूअरों से मुक्ति दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत है। परंतु हर बार नगर पालिका शिवपुरी उनके अरमानों पर पानी फैर रही है। शिवपुरी नगर पालिका के अनुसार शिवपुरी शहर में 16 हजार सूअर हैं। शहर काे सूअर मुक्त बनाने के लिए साल 2021 में नपा तीन बार टेंडर प्रक्रिया कर चुकी है लेकिन तीनों बार ठेकेदार कुछ सूअरों को पकड़ने के बाद काम छोड़कर भाग गए यानी शहर सूअर मुक्त नहीं हो सका।
हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद एक बार फिर से नगर पालिका ने सूअरों को शहर से बाहर करने की कवायद करने जा रही है। इस बार उज्जैन नगर निगम की तर्ज पर प्रति सूअर ₹60 रुपए खर्च करने की तैयारी है। इसके लिए टेंडर भी हो चुके हैं। ऐसे में 16 हजार सूअर पकड़ने के लिए नपा को अब ₹9 लाख 60 हजार रुपए खर्च करने होंगे। फिलहाल सूअर मुक्त शहर एक कल्पना ही है क्योंकि नपा के तमाम प्रयास असफल रहे हैं।
पिछले साल ही तीन ठेकदारों को सूअर पकड़ने का जिम्मा दिया गया लेकिन तीनों ठेकेदार भाग निकले। दिल्ली एनसीआर से लेकर इंदौर तक से सूअर पकड़ने वाले ठेकेदारों की टीम सूअर पकड़ने की कवायद कर चुकी है लेकिन किसी को सफलता नहीं मिली। तीनों बार में कुल मिलाकर 2 से 3 हजार सूअर ही बाहर निकाले जा सके।
जितने सूअर बाहर नहीं गए, उससे ज्यादा बढ़ गए। पहले सूअर तकरीबन 12 हजार थे। अब इनकी संख्या 16 हजार के करीब बताई जा रही है। इन सूअरों को पकड़ने के लिए अब नपा ने उज्जैन नगर निगम की तर्ज पर वहां की टेंडर प्रक्रिया और नियम का हवाला देते हुए शिवपुरी में भी टेंडर प्रक्रिया की है। इसके तहत प्रति सूअर पकड़ने के लिए ठेकेदार काे 60 रुपए दिए जाएंगे। ठेकेदार काे एक साल का समय दिया गया है।
2021 में तीन बार टेंडर तीनों ही भाग गए
पहली टेंडर प्रक्रिया कोरोना काल के दाैरान मई 2021 में दिल्ली एनसीआर से ठेकेदार बुलाया गया था। इस ठेकेदार काे सूअराें काे पकड़कर 100 किलोमीटर दूर शहर से बाहर छोड़ने थे लेकिन ट्रांसपोर्टेशन में खर्च अधिक आने के चलते ठेकेदार महज डेढ़ से दाे हजार सूअर पकड़कर रफूचक्कर हो गया।
उसके बाद दूसरी प्रक्रिया दीपावाली के पहले अक्टूबर 2021 में इंदौर-देवास के सूअर पकड़ने वाले ठेकेदार से नगर पालिका का अनुबंध हुआ। अनुबंध के मुताबिक ठेकेदार काे सूअर पकड़कर ले जाने थे लेकिन यह ठेकेदार भी 500 से 1000 सूअर पकड़ने के बाद काम छोड़कर चलते बने।
साल 2021 में ही दिवाली के बाद नपा ने एक अाैर टेंडर किया। इसमें ठेकेदार काे सूअर पकड़कर ले जाने थे। इस ठेकेदार की सहायता के लिए नपा ने अमला उपलब्ध कराया था। साथ ही अन्य सहायता भी की थी लेकिन सूअर पकड़ने के एजव में नपा को कोई शुल्क नहीं देना था। यह ठेकेदार बमुश्किल 50 सूअर पकड़ा सका और काम छोड़कर भाग गया।
सूअर पकड़ने साल 2021 में तीन टेंडर, तीनों ठेकेदार काम छोड़ भाग खड़े हुए
पहली प्रक्रिया कोरोना काल के दाैरान मई 2021 में दिल्ली एनसीआर से ठेकेदार बुलाया गया था। इस ठेकेदार काे सूअराें काे पकड़कर 100 किलोमीटर दूर शहर से बाहर छोड़ने थे लेकिन ट्रांसपोर्टेशन में खर्च अधिक आने के चलते ठेकेदार महज डेढ़ से दाे हजार सूअर पकड़कर रफूचक्कर हो गया।
उसके बाद दूसरी प्रक्रिया दीपावली के पहले अक्टूबर 2021 में इंदौर-देवास के सूअर पकड़ने वाले ठेकेदार से नगर पालिका का अनुबंध हुआ। अनुबंध के मुताबिक ठेकेदार काे सूअर पकड़कर ले जाने थे लेकिन यह ठेकेदार भी 500 से 1000 सूअर पकड़ने के बाद काम छोड़कर चलते बने।
उसके बाद तीसरी प्रक्रिया साल 2021 में ही दिवाली के बाद नपा ने एक और टेंडर किया। इसमें ठेकेदार काे सूअर पकड़कर ले जाने थे। इस ठेकेदार की सहायता के लिए नपा ने अमला उपलब्ध कराया था। साथ ही अन्य सहायता भी की थी लेकिन सूअर पकड़ने के एजव में नपा को कोई शुल्क नहीं देना था। यह ठेकेदार बमुश्किल 50 सूअर पकड़ा सका और काम छोड़कर भाग गया।
इनका कहना है
हमने तो संकल्प लिया है कि शहर को सूअर मुक्त बनाएंगे। कैसे शहर सूअर मुक्त हो सकता है, इसकी प्लानिंग कर रहे हैं। टेंडर प्रक्रिया हमने सूअरों को पकड़ने के लिए की है। जल्द अभियान शुरू होगा और सूअर शहर से बाहर होंगे।
गायत्री शर्मा, अध्यक्ष, नगर पालिका शिवपुरी
