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बिस्कुट दिलाने के बहाने सरसों के खेत में ले जाकर मासूम के साथ अप्राकृतिक कृत्य: आजीवन कारावास

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शिवपुरी। एक बालक के साथ 22 साल के युवक ने अप्राकृतिक कृत्य की घटना को अंजाम देने पर कोर्ट ने आरोपी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 5 हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया है। बता दे कि आरोपी ने बिस्कुट दिलाने के बहाने मासूम के साथ अप्राकृतिक कृत्य की घटना को अंजाम दिया है।

अभियोजिना के अनुसार दिनांक 21 मार्च 2024 को पीड़ित बालक की मां ने आरक्षी केन्द्र भौंती में रिपोर्ट करते हुए बताया कि 21 मार्च की शाम 4 बजे उसका बच्चा बाहर बच्चों के साथ खेलने गया था, काफी देर बाद वापस नहीं आने पर उसने बाहर जाकर देखा तो उसका बच्चा खेलते हुए नहीं दिखा। उसने और बच्चों से पूछा कि कहां है तब बच्चों ने बताया कि उनका बच्चा दुकान की तरफ गया है तभी उसका बच्चा दूर से रोता हुआ आया और उसके पीछे गांव का गुलाब केवट आया।

उसने बालक से पूछा तो उसने बताया कि गुलाब उसे बिस्कुट दिलाने के बहाने सरसों के खेत में ले गया और उसे दबाकर उसे उल्टा कर उसकी पेंट उतार दी और अभियुक्त ने स्वयं की भी पेंट उतार दी और उसने अपनी बाथरूम करने की जगह उसके पीछे शौच करने की जगह में डाल दी जिससे उसे बहुत तेज दर्द हुआ और खून निकलने लगा। पीड़ित बालक छूटकर भागकर फरियादी के पास आया।

फरियादी ने बालक का पेंट उतारकर देखा तो उसके शौच करने की जगह पर खून निकल रहा था और अभियुक्त से पूछने पर उसकी रिपोर्ट करने की बोलने पर अभियुक्त ने कहा कि वह उसके बच्चे को जान से खत्म कर देगा और अभियुक्त धक्का देकर वहां से भाग गया। उक्त रिपोर्ट पर से अभियुक्त के विरूद्ध थाना भोंती पर अपराध धारा 377,506 भा.दं.सं. एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 3/4 व 5 (ड)/6 एवं धारा 3 (2) (V), अनु. जाति एवं अनु. जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई। अनुसंधान उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध उपरोक्त धाराओं के अंतर्गत अभियोग पत्र इस न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

माननीय न्याययालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए अभियुक्त को धारा 377 भादवि एवं 3(2)(V)अनूसूचित जाति/जनजाति अत्या चार निवारण अधिनियम में आजीवन कारावास एवं 5000 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। शासन की ओर से पैरवी प्रीति संत, विशेष लोक अभियोजन अधिकारी के द्वारा की गई।

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