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जिला चिकित्सालय के वार्ड में भर्ती मरीजों अचानक आने लगा पैनिक अटैक, आधा दर्जन से अधिक मरीज ग्वालियर रैफर

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शिवपुरी। खबर जिला अस्पताल से आ रही है जहां गायनिक वार्ड में भर्ती आधा दर्जन से अधिक प्रसूताओं को अचानक ग्वालियर रेफर कर दिया गया। दरअसल वार्ड में भर्ती सभी प्रसूताओं को अचानक पैनिक अटैक जैसी समस्या होने लगी। इसके बाद ऑन-ड्यूटी डॉक्टर ने रात को ही आनन-फानन में सभी को ग्वालियर रैफर कर दिया। एक के बाद एक प्रसूताओं को जिला अस्पताल से ग्वालियर रैफर करने पर प्रसूताओं के परिजन भी घबरा गए।

जानकारी के अनुसार सोमवार की रात 9 बजे से रात 11 बजे के बीच सपना बंजारा उम्र 19 साल, प्रसन्न यादव उम्र 22 साल, प्रियंका बेड़िया उम्र 20 साल, रिंकी राजा चौहान उम्र 23 साल, हेमा खटीक उम्र 24 साल, सूफिया खान उम्र 32 साल, सोनम पाल उम्र 22 साल सहित लगभग एक दर्जन महिलाओं को रेफर किया गया है।

इस दौरान तोड़ा पिछोर के रहने वाले सीताराम पाल ने बताया कि वार्ड में डिलीवरी के लिए उसकी पत्नी भर्ती थी। रात में इंजेक्शन और बोतल लगाने के बाद उसकी पत्नी की तबीयत बिगड़ने लगी। उसे पैनिक अटैक जैसे झटके महसूस होने लगे। वार्ड में भर्ती अन्य महिलाओं को भी एक जैसी समस्या होने लगी थी। वार्ड में डॉक्टर ने यह कहते हुए रेफर कर दिया कि ये इमरजेंसी यहां कंट्रोल नहीं हो पाएगी।

पुरानी शिवपुरी के रहने वाले आसिफ खान ने बताया कि बहन की डिलीवरी हुई थी। दो घंटे बाद रात में उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। उसे भी अचानक झटके आने लगे थे। ऐसा अन्य प्रसूताओं के साथ भी एक साथ हुआ था। इसके बाद डॉक्टर ने बिना कारण बताए ही ग्वालियर रेफर कर दिया।

एक अन्य परिजन आकाश खटीक ने बताया कि उनके पेसेंट को भी इसी तरह ग्वालियर रेफर कर दिया गया था। आकाश भी कहना है कि उसके साथ कई महिलाओं को ग्वालियर रेफर किया गया था। एक अन्य परिजन मुकेश खटीक का भी यही कहना है कि उसकी साली को डिलीवरी के लिए भर्ती कराया गया था। रात में उसे एकाएक झटके आने लगे थे। फिर डॉक्टर कुछ बिना बताए ग्वालियर रेफर कर दिया।

एक पेशेंट को साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम हुई थी इसके बाद उसे ग्वालियर रेफर किया गया था बाकी पेशेंट को प्रक्रिया के तहत ही रेफर किया गया था।- ड्यूटी डॉक्टर नीरजा शर्मा

इस मामले में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर बी एल यादव का कहना है कि जिले भर से गंभीर केस ही डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल में लाए जाते हैं। मेडिकल कॉलेज में भी गायनिक के केवल दो डॉक्टर हैं जिसकी वजह से जिला अस्पताल से ज्यादा रेफर नहीं किए जा सकते हैं। कुछ गंभीर पेसेंट को ही रेफर करना रुटीन प्रक्रिया है। लेकिन डॉक्टर को एक साथ इतने मरीजों को रेफर नहीं करना चाहिए था। आगे से ऐसा ना हो इसके लिए आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।

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