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SHIVPURI NEWS – ब्राह्मण समाज ने दिया एकता का नारा, संगठन की मजबूती पर बल

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शिवपुरी। रविवार को अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन की गांधी रोड पर सीनियर एडवोकेट रूप किशोर वशिष्ठ के निवास पर बैठक हुई, जिसमें सबसे पहले भगवान परशुराम के चित्र पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पंडित विशाल वशिष्ठ एडवोकेट एवं ब्राह्मण महासभा के जिला अध्यक्ष पंडित पुरुषोत्तम कांत शर्मा एवं विशिष्ट अतिथि के रूप वैष्णवी आईटीआई कॉलेज शिवपुरी के प्राचार्य उत्तम शर्मा ने भगवान परशुराम के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुरुआत की।

जिसमें में ब्राह्मण एकता, संगठन की मजबूती और भाईचारा मजबूत बनाने का आवाह्न किया गया। मुख्य अतिथि वशिष्ठ जी ने अपने संबोधन में कहा कि आज वास्तव में ब्राह्मणों की स्थिति बेहद चिंतनीय है विप्र बन्धुओं को सभी समाजों के हित की चिंता करना चाहिए और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के परिवारों में रामायण गीता के पाठ करने हेतु प्रेरित करने की हम सब की जिम्मेदारी है इससे सभी समाजों में समरसता एवं भाईचारा बढ़ेगा सतयुग में नारी शक्ति का सम्मान था लेकिन अब नारी शक्ति का सम्मान घटने से सभी समाजों का पतन होता जा रहा है।

हमें नारी शक्ति का सम्मान करने हेतु प्रयास करनी चाहिए ब्राह्मण महासभा के जिला संयोजक पंडित राम प्रकाश शर्मा ने कहा कि ब्राह्मण के त्याग को थोड़े से दान ग्रहण कर करने के लिए तुच्छ नहीं समझना चाहिए। पर आज जो स्थिति है वह सोचनीय है। जिस समाज की ब्राह्मण ने मदद की आज वही समाज ब्राह्मण को दूत्कार रहा है। पंडित कैलाश नारायण भार्गव ने कहा कि आज वह वक्त आ गया है जब सभी ब्राह्मणों को एक मंच पर आकर अपनी हक के लिए आवाज बुलंद करनी होगी। अन्यथा सामाजिक स्तर पर ब्राह्मणों की दशा और खराब होगी। विचार व्यक्त करने वालों में देवेंद्र मड़वास राजेंद्र पांडे विशंभर दयाल दीक्षित हरगोविंद शर्मा आदि ने ब्राह्मण एकता के लिए अपने विचार रखे सभी वक्ताओं ने एक जुटता पर बल देते हुए संगठन के बिस्तार पर चर्चा की। पंडित विजय राजन शर्मा ने कहा कि वेद पुराणों में पहले चार वर्ण प्रणाली होती थी, लेकिन बाद में विदेशी आक्रांताओं ने ब्राह्मण समाज को कमजोर करने के लिए अलग-अलग जातियों में बांट दिया।

पंडित कैप्टन चंद्र प्रकाश शर्मा ने कहा कि भट्ट ,पांचाल, धीमान, जांगड , व्यास ,जोगी बैरागी, गुसाई, महा ब्राह्मण सारस्वत, त्यागी, गौड़ , पूर्वाचली, गढ़वाली, उपाध्याय, मैथली, कुल 18 जाति ब्राह्मण के ही अंश है। अब समय आ गया है कि इन सभी जातियों को उचित सम्मान मिले, उन्होंने बताया कि ब्राह्मण समरसता अभियान की शुरुआत पूरे शोध के साथ प्रारंभ की जाएगी। पंडित गजानन शर्मा एवं सुरेंद्र पाठक ने कहा कि ब्राह्मण परिवार के बच्चे यथार्थ को समझते हुए अपनी संस्कृति व संस्कारों को पुनर्जीवित करने का प्रयत्न अवश्य करें। बैठक का संचालन पंडित विजय राजन शर्मा ने किया तथा अंत में आभार व्यक्त महेंद्र कुमार शर्मा ने किया।

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