दबंगो द्धारा आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ सहारिया क्रांति ने कलेक्टर को CM के नाम सौंपा ज्ञापन

शिवपुरी। खबर जिले के पिछोर क्षेत्र में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आज सहरिया क्रांति संगठन ने जिला कलेक्टर कार्यालय पर एकत्रित होकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में ग्राम नया चौराहा, टपरीयन पंचायत, नयागांव थाना पिछोर तहसील के आदिवासियों पर हुए अत्याचारों का विस्तार से उल्लेख किया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन में चेतावनी भी दी गई है कि यदि इन मांगों को पूरा नहीं किया गया तो सहरिया क्रांति आंदोलन और प्रदर्शन के लिए विवश होगी, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
जानकारी के अनुसार ज्ञापन में ग्राम नया चौराहा के आदिवासियों की जमीन पर कब्जा करने के उद्देश्य से कुछ दबंगों ने अपने सजातीय बाहुबलियों और गुंडों को बुलाकर आदिवासियों के खेतों में मवेशी छोड़ दिए। इन मवेशियों ने खेतों में लगी मूंगफली और उड़द की फसल को नष्ट कर दिया और खेतों की बाड़ों को भी तोड़ दिया। जब आदिवासी गौरव ने इस अत्याचार का विरोध किया, तो उसे सिर में लाठियों से पीटा गया और उसे दौड़ा-दौड़ाकर मारा गया। इस घटना में शामिल महिलाओं के साथ भी मारपीट की गई और उन्हें जाति सूचक गालियां दी गईं।
अत्याचार का सिलसिला यहीं नहीं थमा। अगले दिन सुबह, जयंत लोधी, संतोष लोधी, महाराज सिंह लोधी, राहुल, अनिल, वीर सिंह लोधी समेत कई दबंग लोग सैकड़ों की संख्या में वापस आए और सड़क पर बैठे आवारा मवेशियों को हांक कर आदिवासियों के खेतों में छोड़ दिया। जिससे उनकी बची-खुची फसल भी बर्बाद हो गई। इस दुखद घटना के दौरान राजस्व और पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में यह अत्याचार हुआ, लेकिन वे मूक दर्शक बने रहे।
ज्ञापन में सहरिया क्रांति ने इस घटना के कारण गांव के आदिवासियों की आर्थिक स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की। गांव के आदिवासी, जिनमें गुलशन, बाबू, दिलकूं, बनमाली, पूरन, अच्छेलाल, जंकीय, चतुरसिंग, लचचू, रामलाल, ख़लक़सिंह, घमंडी, रामसेवक, फूलसिंह, ईश्वर, पन्ना लाल, बंशाराम, गोविंद दास, महेश, घमंडी, गुमान, हरी, रामसिंह, पुलई, ओमप्रकाश, जुराऊ, पीतम, सावरूपी, इमरत, सुखलाल, महरवान, पुशपेंडर, बेजनाथ, कल्याण, पातीराम, कोमल, रामजी, लालन, अशोक, चरण आदिवासी आदि शामिल हैं। अब भुखमरी की स्थिति में पहुंच गए हैं।
ज्ञापन में सहरिया क्रांति की मांग
- फसल उजाड़ने वाले दबंगों पर कार्रवाई कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। 2. राजस्व और पुलिस अधिकारियों पर, जो घटना के दौरान मूक दर्शक बने रहे। कार्रवाई कर उन्हें निलंबित किया जाए और उनके खिलाफ विभागीय जांच बैठाई जाए। 3. पीड़ित आदिवासियों को फसल नुकसान का मुआवजा दिलवाया जाए। 4. महिलाओं के साथ अश्लील इशारे करने वाले दबंगों पर सख्त कार्रवाई की जाए। 5. आदिवासियों पर लगाए गए झूठे मुकदमे वापस लिए जाए। 6. भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए गांव में सुरक्षा की गारंटी दी जाए।