गांव के चार युवक मिलकर कर रहे थे BA की छात्रा के साथ करना चाह रहे थे RAPE ,युवती ने गटका जहर, मौत

पोहरी। खबर जिले के पोहरी थाना क्षेत्र के कनाखेडी गांव से आ रही है। जहा एक 19 बर्षीय युवती ने छेड छेड से त्रस्त होकर जहरीला पदार्थ का सेवन कर लिया जिससे युवती की हालात विगडने लगी। परिजन ततकाल युवती को लेकर जिला चिकित्सालय पहुंचे जहां डॉक्टरों ने युवती का गम्भीर हालत को देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज भेजा गया। जहां युवती की उपचार के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामला विवेचना में ले लिया है।
जानकारी के अनुसार दीपाली जाटव परिवर्तित नाम उम्र 19 साल निवासी कनाकेडी ने अपने ही घर पर जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया। जिससे युवती की हालात विगडने लगी। परिजन तत्काल युवती को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय लेकर आए। जहां युवती की गंभीर हालात को देखते हुए चिकित्सकों ने युवती को जिला चिकित्सालय से मेडीकल कॉलेज रैफर कर दिया।
युवती ने मरणासन्न हालात में दिए कथनों में बताया है कि बीते 30 अक्टूबर को अपने खेत पर काम कर रही थी तभी पास के ही गांव सेगाडा के आरोपी भरत पुत्र कमरलाल धाकड,लवकुश पुत्र कमरसिंह धाकड, अनेक सिंह पुत्र परसाराम धाकड और अनिकेश धाकड निवासी सेगाडा ने खेत पर पकड लिया। युवती ने बताया है कि चारों ने युवती का मुंह बंद कर उसके साथ गंदी हरकत करते हुए जबरदस्ती करने लगे। जिसपर युवती चिल्लाई और बमुश्किल आरोपीयों के चंगुल से छूटकर भागी। उसके बाद युवती घर पहुंची और घर में रखी टमाटर मेें डालने बाली कीटनाशक पी ली।
जिससे युवती की हालात विगडने लगी और युवती की उपचार के दौरान मौत हो गई। बताया गया है कि इस हादसे के बाद बीएसपी के जिलाध्यक्ष धनीराम चौधरी ने भी इस मामले में आरोपीयों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। इस मामले में पोहरी थाना प्रभारी बलविंदर सिंह ढिल्लन ने बताया है कि आज रात्रि में ही उन्हें सूचना मिली है। अभी वह युवती का अंतिम संस्कार करा रही है। उसके बाद परिजनों के बयान लेने के बाद आरोपीयों पर कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर विवेचना में ले लिया है।
सुनिए बेटी की दर्दभरी कहानी पिता की जुबानी
मेरी बेटी शिवपुरी से ग्रेजुएशन कर रही थी। दिवाली मनाने के लिए गांव आई थी। 30 अक्टूबर को वह खेत में गई थी। शाम को रोते-रोते मेरे पास आई। मैंने पूछा कि क्या हुआ तो उसने कहा – पापा मेरा जीना बेकार है, मैं अब जीना नहीं चाहती। मेरा मुंह दिखाने का धर्म नहीं रहा। मैंने जहर खाया है। बेटी से मैंने जहर खाने का कारण पूछा तो उसने सिर्फ यही बताया कि खेत में ज्यादा लोग नहीं थे।
इसी बात का फायदा उठाकर अनिकेत सिंह धाकड़, लवकुश धाकड़, भरत धाकड़ और अनेक सिंह धाकड़ खेत में आ गए। अब मुझे जीना नहीं है। इतना कहकर बेटी बेहोश हो गई। मैं घबरा गया। उसे लेकर सीधा जिला अस्पताल गया। रातभर वह वहीं रही। हालत में सुधार नहीं आया तो मैं 31 अक्टूबर की सुबह उसे शिवपुरी अस्पताल लेकर आया। सोमवार रात में बेटी नहीं रही।