चोरी गई बाइक को खोजने के एवज में ASI मांग रहा है रिश्वत, फरियादी को थाने में ही थप्पड़ मारने का आरोप

प्रिंस प्रजापति@शिवपुरी। खबर जिले के बैराड़ थाना क्षेत्र से है जहां पुलिस के कारनामे और मनमानी बसूली थमने का नाम नही ले रही है। बैराड़ क्षेत्र में नशे का कारोबार चरम पर है और पुलिस बौना बनकर बैठी हुई है। सूत्रों के मुताबिक कहा जाए तो पुलिस की मिलीभगत से ही बैराड़ में क्राइम चरम सीमा पर है। बैराड़ थाना क्षेत्र में चोरी की बारदात भी थमने का नाम नही ले रही है। पुलिस फरियादी की शिकायत तक दर्ज नही करती है और पुलिस पर आरोप लगता है कि रिश्वत की मांग पर चोरी ट्रेस किए जाने की बात कही जाती है अन्यथा फरियादी पर खुद चोरी करवाने का आरोप लगाया जाता है।
मामला बीते 22 मई का है जहां फरियादी राकेश परिहार पुत्र नकटू परिहार निवासी नयागांव आनंदपुर, हाल निवासी थाना बैराड़ ने बताया कि 22 मई को दोपहर को बह किसी काम से श्मशानघाट के पास रहने बाले एक युवक के घर गया था। राकेश अपने परिचित के घर पर था तभी दोपहर के करीब 1.30 बजे उसकी बाइक क्रमांक एमपी 33 एमएस 3944 बहां से गायब हो गई। जिसे देख राकेश ने आसपास तलाश शुरू की लेकिन मोटरसाइकल का कोई सुराग नही लगा।
पीडित ने इसकी शिकायत बैराड़ थाने पहुंचकर की तो बैराड़ पुलिस ने बिना प्राप्ति का आवेदन लिखकर उसे भगा दिया। पीडित ने आवेदन मे संदेहास्पद आरोपी धीरू काछी व रामभरत आदिवासी पर बाइक ले जाने का आरोप लगाया था। लेकिन पुलिस ने सुनवाई नही की तो फरियादी राकेश दोनो संदेहास्पद आरोपीयों को स्वंय पकड़कर थाने ले गया इसके बाद पुलिस ने राकेश को थाने से भगा दिया। जब उसने देखा कि कुछ समय बाद दोनो संदेहास्पद आरोपी भी थाने से छूट गए लेकिन बाइक का कोई सुराग नही लगा।
फरियादी में मारा थप्पड़, रिश्वत मांगकर बाइक खोजने का आरोप
इसके बाद जब राकेश ने पुन: थाने जाकर पूछा कि बाइक का क्या हुआ कुछ सुराग लगा या नहीं। तो राकेश को थाने में मारपीट कर भगा दिया। पीडित ने बताया कि मुझमें थप्पड़ मारा है पीडित ने बताया कि बैराड़ थाने में पदस्थ एएसआई हरिओम पांडे ने उसे बाइक खोजने के एवज में रिश्वत की मांग की और कहा कि खर्चा पानी देदो तो हम तेरी मोटरसाइकिल को देखेंगे। इस सब से पीडित राकेश ने मीडिया से गुहार लगाई है।
सीसीटीवी में कैद हो रहे चोर, पुलिस हो रही रिश्वतखोर
चोरों को चोरी करने में बिल्कुल भी भय की नहीं है कानून का डर बैराड़ क्षेत्र में अपराधीयों को नहीं रहा क्योंकि सूत्रों की मानें तो पुलिस की मिलीभगत से ही बारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। बीते 2 जून को भी बैराड़ में दिनदहाड़े विट्ट पुत्र सरवन सिंह गआरिया उम्र 34 साल निवासी गायत्री कालौनी की मोटरसाइकिल क्रमाक MP33MS7109 घर के बाहर से चोरी हो गई। यहां घटना को अंजाम देते वक्त सीसीटीवी में कैद हो गया था। बावजूद इसके पुलिस चोर को आज दिनांक तक नहीं पकड़ पाई नाहिं बाइक का कोई सुराग लगा है ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगना स्वभाविक ही है। पुलिस की सक्रियता के न होने के चलते चोर और नशे का कारोबार करने बालों के हौंसले बुलंद है।
पुलिस सुस्त तो जनता त्रस्त: चोर और अपराधी मस्त
आपको बता दें कि यह पहला मामला नही है इससे पूर्व भी कई मामले ऐसे है जो किसी दबाब या मजबूरी बस बही दबे रहे है बता दे कि बीते कुछ ही दिनों पूर्व एक मोटरसाइकल चोरी होने का मामला बैराड़ के वार्ड क्रं 4 से आया था जहां सुनील राजौरिया पुत्र गोविंद राजौरिया की बाइक घर के बाहर से चोरी हो गई थी। शिकायत के बाद भी पुलिस ने नाहि मामला दर्ज किया नाहि पतारसी की। इसके बाद फरियादी ने स्वंय के सूत्रों से बाइक चोर को पकड़ा था और अपनी बाइक को जाते जाते बचा लिया। बैराड़ पुलिस की नाकामी और भ्रष्टाचारी के चलते चोरों और नशेलेचियों के हौसले आसमान को छू रहे है लेकिन क्या मजाल है कि पुलिस को जूं तक रेंग रहे हों।
नशे का कारोबार चरम पर : ड्रग्स का बड़ा केंद्र बना है बैराड़
बता दें कि बैराड़ थाना क्षेत्र में स्मैक का कारोबार चरम पर है स्मैक कारोबारियों को कोई भय किसी का नही है और खुलेआम स्मैक बेची जा रही है स्मैक के ऑवरडोज और नशे के कारण जिलेभर सहित बैराड़ में कई मौतें और कई परिवार बर्बादी की कगार पर पहुंच चुके हैं लेकिन पुलिस मूख दर्शक बनकर बैठी हुई है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस के संरक्षक में ही नशे का कारोबार बैराड़ में फलफूल रहा है और कारोबारियों को कोई भय नही है। बीते दिनो दो आरोपियों को शिवपुरी पुलिस ने स्मैक के बड़े माल के साथ गिरफ्तार किया था आपको बता दें कि दोनो आरोपी बैराड़ के है और बैराड़ में इनके कारोबार को 1 बर्ष होने को है लेकिन क्या मजाल कि बैराड़ के कानों तक जूं तक रेंगें। यह तो भला हो शिवपुरी पुलिस का जहां दोनो आरोपियों को रंगेहाथों दबौचा है बरना बैराड़ पुलिस के संरक्षण में ही यह ड्रग्स माफिया फूल रहे है। बैराड़ नगर ही नही क्षेत्र के कई गाँवों में यह नशा युवाओ की नशों में उतर चुका है जिसका खामियाजा परिवार की बर्बादी और अपराधों को बढ़ावा देकर चुकाया जा रहा है इस जड़ को खत्म करने का प्रयास अगर पुलिस करे तो बैराड़ से अपराध थमने का नाम ले सकते है। बैराड़ थाना पुलिस की सक्रियता के चलते पूर्व में कई बार इन कारोबारी और चोरों में हड़कंप मचा है और यह थमा भी है लेकिन यदि पुलिस अब भी सक्रियता दिखाए तो अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकता है।
