पार्ट 1: रामेश्वर धाम की तर्ज पर फिर सहकारिता में करोड़ों रूपए डकार गया सहायक लेखापाल राकेश भदौरिया ,पढिए परत-दर-परत कैसे किया है घोटाला…

सतेन्द्र उपाध्याय@ शिवपुरी। जिले में सबसे ज्यादा बदनाम सहकारिता बैंक में एक चपरासी की कारगुजारी के चलते पूरे मध्यप्रदेश में सहकारिता विभाग रोड पर आ गया है। परंतु इसी बैंक में भ्रष्टाचार इतने चरम पर है कि यहां विभाग के जिम्मेदारों ने करोड़ों रूपए पार कर दिए। ऐसा नहीं है कि यह घोटाला पकड़ा नहीं गया हो। बल्कि पकड़े जाने के बाद इस जिम्मेदार को पद से पृथक करने का आदेश भी जारी हो गया। परंतु यहां भी भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा देखिए जिम्मेदारों ने जिसे पद से प्रथक करने का आदेश दे दिया वह अभी भी कुर्सी पर बैठा है और प्रतिदिन यहां खुलेआम अन्य घोटालों को करते अपने पुराने पापों को साफ करने में लगा हुआ है।
जानकारी के अनुसार सहकारिता विभाग शिवपुरी में सहायक लेखापाल के पद पर पदस्थ राकेश सिंह भदौरिया पर करोड़ों रूपए का भ्रष्टाचार करने का आरोप है। उन पर विभाग की और से एक के बाद एक कई आरोप लगे और इन आरोपों की जांच भी की गई। परंतु इन आरोपों की जांच के बाद भी लाखों रूपए के हेरफेर के चलते इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित भी किया जा चुका है। परंतु उसके बाद भी भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से यह फिर से अपने पद पर बैठा हुआ है और अपने ऊपर लगे आरोपों को खुलेआम छुपा रहा है।
दरअसल बीते 10 अगस्त 2023 को कार्यालय जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित शिवपुरी द्वारा एक आदेश जारी किया गया। जिसमें राकेश भदौरिया प्रभारी शाखा प्रबंधक पिछोर के द्धारा गंभीर वित्तीय अनियमितताओं एवं बैंक सेवा नियमानुसार निर्देशों की अवहेलना का आरोप लगा था। इस आरोप पत्र में राकेश भदौरिया पर लगे आरोपों की विभाग ने जांच की। इस जांच में विभाग ने कई गंभीर अनियमितताएं और भ्रष्टाचार पकडे गए।
सेवा सहकारी समिति कोटा में लाखों रूपए का घोटाला
इसमें सबसे पहले सेवा सहकारी समिति कोटा के खाते से 7 लाख 74 हजार 978 रूपए का ट्रांसफर खाता क्रमांक 172003351430 में किया गया। इसके साथ ही दोबारा 1 लाख 80 हजार का भुगतान खाता क्रमांक 172003351429 समिति के खाते में सभी नियमों को ठेंगा दिखाकर किया गया। इसके साथ ही अन्य दिनांकों में नियमों को ताक पर रखते हुए 3 लाख रूपए की राशि का आहरण कर लिया गया।
नियम हम्माली का 16 रूपए तक का,भुगतान कर दिया 23 रूपए,शासन को 9 लाख का लगा दिया चूना
राकेश भदौरिया पर विभाग ने आरोप लगाया है कि सेवा सहकारी समिति कोटा अंतर्गत नियम विरुद्ध 9 लाख रूपए की राशि ठेकेदार के खाते में ट्रांसफर की गई है। बताया जा रहा है कि खरीफ फसल खरीदी में 22- 23 में यहां गेंहू 30799,चना 10161 क्विटंल समिति द्वारा खरीदा गया था। इसमें नियमानुसार हम्माली और अन्य खर्चों पर पैसे व्यय करने की विभाग की और से अधिकतम सीमा 16 रूपए 76 पैसे प्रति क्विटल निर्धारित की गई थी। परंतु यहां भी इन महोदय ने नियमों को दरकिनार करते हुए ठेकेदार को 9 लाख 54 हजार 978 रूपए की राशि को कि 16 रूपए 76 पैसे के स्थान पर 23 रूपए 29 पैसे के हिसाब से ट्रासंफर कर दी गई। जो पकडी गई।

किसानो की फसल के पैसे समिति को ट्रांसफर कर दिए
राकेश भदौरिया पर विभाग द्धारा जांच की गई तो सामने आया कि उनके द्धारा बैंक मुख्यालय से अमानतदार एवं गेंहू उपार्जन के किसानों को भुगतान के लिए लगातार राशि प्राप्त करते रहे। परंतु इस राशि को किसानोे को न देते हुए समिति के अवैध व अनियमित निकासी में उपयोग किया गया। यानी कुलमिलाकर उन्होंने टोपीबाज बनते हुए इसकी टोपी उसके सिर पर रख दी।
विलोकला में भी कर दिया भ्रष्टाचार
बताया जा रहा है कि राकेश भदौरिया द्वारा वर्ष 2022- 2023 में विलोकलां संस्था द्धारा 6000 क्विटंल की खरीदी की गई। जिस पर विभाग द्वारा अधिकतम व्यय 60 हजार रूपए तक होना था। परंतु राकेश भदौरिया ने नियमों को ठेंगा दिखाते हुए यहां भी संस्था के खाता क्रमांक 172003306619 में 3 लाख रूपए और ठेकेदार अतर सिंह जाटव के खाते में 3 लाख रूपए की राशि का भुगतान कर दिया। जो कि 16 रूपए के स्थान पर 50 रूपए प्रति क्विटल के हिसाब से हुआ था।
संपत्ति का ब्यौरा मांगा तो उसमें भी कांट छाट कर प्रस्तुत कर दी
बताया गया है कि विभाग द्धारा लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद इन महोदय यानी राकेश भदौरिया की संपत्ति का ब्यौरा विभाग द्धारा मांगा गया तो उन्होंने विभाग को ही गुमराह करते हुए जानकारी में गोपनीय तरीके से कांट छांट कर प्रस्तुत कर दी। जिसके चलते विभाग ने इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। उसके बाद भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा देखिए करोडों रूपए के घोटाले से बर्बाद सहकारिता विभाग ने इस करोड़ों रूपए की हेराफेरी करने बाले राकेश भदौरिया को फिर से जिला कार्यालय में पदस्थ कर लिया। जहां बैठकर यह अपने काले पीले कारनामों को छुपाने में जुटा हुआ है।
ईओडब्ल्यू ने भी कसा है शिकंजा
बताया जा रहा है कि इस भ्रष्ट सहायक लेखपाल पर लगे आरोपों को लेकर ईओडल्यू ने भी शिकंजा कसा है। बताया जा रहा है कि इस भ्रष्ट लेखापाल पर एक नहीं कई वित्तीय अनियमितता का आरोप है जो करोड़ों रूपए में है।
इनका कहना है
यह सस्पेंशन तो महज मेरी अनुपस्थिति के कारण हुआ था। मेरी तबीयत खराब होने के चलते में लगातार उपस्थित नहीं हो पा रहा था। इस कारण साहब नाराज हो गए थे। इसी के चलते मुझे सस्पेंड कर दिया गया था। आप जो आरोप बता रहे है ऐसा पत्र तो मुझे नहीं मिला है। अब यह कहा से आपके पास पहुंचा है यह में नहीं जानता।
राकेश भदौरिया,सहायक लेखापाल जिला सहकारी बैंक शिवपुरी।
मैं अभी 15 दिन पहले ही यहां पदस्थ हुआ हूं। तो मुझे तो इस मामले को लेकर कोई ज्यादा जानकारी नहीं है। मुझे इस मामले को लेकर आपके द्धारा ही जानकारी मिली है। में अब आज कुछ तो नहीं बता पाउंगा। परंतु यह मेरे आने से पहले से यहां पदस्थ है और मेरे आने से पहले ही यह बहाल हुए है। में अब सोमबार को इनके सभी पत्र देखकर ही सटीक जानकारी दे पाउंगा।
रविन्द्र दुवे,जनरल मैनेजर, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित शिवपुरी