फसल की डाक न लगने से किसान परेशान: मंडी सचिव और व्यापारियों की सांठगांठ से चल रही है मनमानी

मुकेश प्रजापति@खनियाधाना। करोड़ों की लागत से बनी कृषि उपज मंडी खनियांधाना और बामौरकला इन दिनों बीरान पड़ी है वही इन दिनों मंडी में किसान अपनी फसल लेकर आते है और मंडी में उचित रेट पर अपना अनाज बेचते है पर यहाँ तो कुछ उल्टा ही नजर आ रहा है।
मामला खनियाधाना एवं बामोरकला कृषि उपज मंडी का है। जहां दोनों मंडियां वीरान पड़ी हैं और बाहर बाजार में व्यापारी किसानों का अनाज मनमाने दामों में एवं तौल में गड़बड़ी कर कर ले रहे हैं, खनियाधाना कृषि उपज मंडी के सचिव अशोक कुमार से इस संबंध में पूछा तो मंडी सचिव का कहना था कि मुझे पता नही होने की बात कह कर बचते नजर आए हैं। मंडी सचिव ने तो मुझे ना पता होने की बात कह दी पर बाजार में किसानों का शोषण हो रहा है।
मंडी प्रशासन और कर्मचारियों की मनमानी और व्यापारियों की सांठगांठ के चलते किसानों को फसल बेचने के लिए बाजार में मजबूरन जाना पड़ रहा है। मण्डी परिसर में डाक बोली की व्यवस्था नहीं होने से किसानों को परेशानी हो रही है। किसानों को फसल उत्पादन कर मंडी प्रांगण में आना होता है, लेकिन डाक बोली न होने के कारण मंडी सुनसान पड़ी है। डाक न होने के कारण किसानों को मजबूरी में मंडी के बाहर व्यापारियों को मन माने के दाम पर फसल बेचना पड़ रहा है।
मंडी सचिव मंडी में रहते ही नहीं हैं वही कृषि उपज मंडी अपने किसानों और व्यापारियों की राह देख रही है। वहां एक ही व्यक्ति ने मंडी की कमान संभाल रखी है और दो अलग लोगों को क्षेत्र की खबर देने के लिए फोन लगाने के लिए रखा है। जब कोई व्यापारी की गाड़ी लोड होकर बाहर जाती है तो उसके कागज बना दिए जाते हैं और उसके बदले में सुविधा शुल्क ले ली जाती है।