बैराड़ में मनाई भगवान धन्वंतरि की जयंती, चिकित्सकों ने की आराधना- BAIRAD NEWS

बैराड़। बैराड़ नगर में आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि जयंती नगर के चिकित्सक एवं दवा विक्रेताओं द्वारा उत्साह पूर्वक मनाई गई। इस मौके पर डॉ. तुलाराम यादव ने कहा कि धन्वंतरि को देवताओं का वैद्य या आरोग्य का भी कहा जाता है। इन्हें पीतल धातु बहुत प्रिय होता है। इन्होंने बहुत से औषधियों को खोजा। इनकी इस परंपरा को इनके वंशजों ने भी आगे बढ़ाया। इनके वंशजों में एक दिवोदास थे, इन्होंने शल्य चिकित्सा का दुनिया का पहला विद्यालय बनाया।

चिकित्सक व दवा विक्रेताओं ने लिया भाग
नगर में डॉक्टर तुलाराम के निवास पर आयोजित धन्वंतरि जयंती कार्यक्रम में भगवान धन्वंतरी की पूजा अर्चना एवं आरती कर प्रसाद वितरण किया गया। कार्यक्रम में डॉ. एके मौर्य, डाॅ जनवेद बर्मा डॉ. तुलाराम यादव, डाॅ प्रदीप शर्मा डाॅ लखन डॉ शिवकुमार पाठक डॉ सतीश मढेनीयां डॉ अभिषेक श्रीवास्तव डॉ अमर सिंह धाकड़ डॉ शब्बीर खान डॉ परवेज खान डॉ अभिषेक श्रीवास्तव डॉ डॉ पुरुषोत्तम अवस्थी सुनील शर्मा राजेंद्र सोनल श्रीवास्तव आदि लोग मौजूद थे।

समुद्र मंथन में अवतरित हुए थे धन्वंतरि भगवान

हिन्दू धार्मिक मान्यताओं में धन्वंतरि को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। धन्वंतरि पृथ्वी पर समुद्र मंथन के जरिए आए थे। समुद्र मंथन में त्रयोदशी के दिन धन्वंतरि जी अवतरित हुए थे। इसलिए दीपावली से पहले धनतेरस के दिन धन्वंतरि जयंती मनाने का रिवाज है। इसी दिन आयुर्वेद का भी जन्म हुआ था। धन्वंतरि को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है इनकी चार भुजाएं हैं। इनमें दो में शंख और चक्र धारण किए गए हैं। जबकि दो अन्य भुजाओं मे से एक में जलूका और औषध तथा दूसरे में अमृत कलश मौजूद है।

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