13 साल के मासूम की बेल्ट से पिटाई करते हुए का वीडियों बनाया और लिखा कि लोग मुझे बिगडा नवाब कहते है,सोशल पर अपलोड कर दिया

शिवपुरी। खबर शहर के देहात थाना क्षेत्र से आ रही है। जहां बीते रोज एक शर्मनाक वीडियों बायरल हुआ है। इस वीडियों में एक युवक 13 साल के मासूम को बेल्ट से पीटते हुए दिखाई दे रहा है। इस मासूम की गलती महज इतनी थी कि उसके घर में शौचालय न होने से वह खुले में शौच करने चला गया था। इस मामले में पुलिस ने महज अदम चैक काटकर इस मामले से इतिश्री कर ली थी। परंतु जब यह मामला मीडिया के सामने आया तो पुलिस बैकपुट पर आ गई और इस आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
पीड़ित की मां ने बताया कि बेटा आशीष शौच के लिए गया था। संजय बाथम उसे पीटते-पीटते घर लाया। संजय का कहना था कि आशीष उनकी घर की महिलाओं को देखता था। संजय ने धमकी भी दी थी कि जहां शिकायत करना है कर आओ, मेरा कुछ नहीं होने वाला। मां ने बताया कि उसके बेटे की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। इसके बावजूद उसे पढ़ा-लिखा रही हैं। पिटाई के बाद से बेटा डरा सहमा रहता है। उसने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया है।
बेकपुट पर आए टीआई जीतेन्द्र मावई: बोले वीडियों की जानकारी नहीं थी
इस मामले में देहात टीआई जितेंद्र मावई का कहना है कि बालक की मां ने बेटे के साथ मारपीट की शिकायत दर्ज कराई थी। उस वक्त बच्चे को पीटने के वीडियो के बारे में नहीं बताया गया था और न ही वीडियो की उन्हें जानकारी थी। पड़ताल में बच्चे को पीटने का वीडियो सामने आया है। इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष बोली: मासूम के साथ हुई वर्बता,टीआई को देंगे नोटिस
सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष सुषमा पांडे का कहना है कि यह बच्चे को प्रताड़ना देने का मामला है। मैं उस बच्चे से मिलूंगी और मामले में संबंधित थाना प्रभारी को भी नोटिस जारी कर जबाब तलब किया जाएगा कि मासूम के साथ अपराध के मामले में लापरवाही क्यों बरती गई।
एडवोकेट बोले- यह सामान्य अपराध नहीं
एडवोकेट संजीव बिलगैयां का कहना है कि बाल अपराध के मामले में न्यायालय के स्पष्ट निर्देश हैं कि प्रथम सूचना पर ही कार्रवाई होनी चाहिए थी। जो घटना पीड़ित के साथ हुई है वह सामान्य अपराध नहीं है। इसमें आईपीसी के अलावा आईटी एक्ट की धाराओं में भी प्रकरण कायम होना चाहिए था। यह पुलिस की बड़ी लापरवाही है।
पीड़ित के घर शौचालय नहीं है
बता दें, बालक के घर में शौचालय नहीं है। न ही उसे शौचालय बनवाने के लिए शासन की योजना का लाभ मिला है। जबकि देश से लेकर प्रदेश और हर जिला सरकार ने ओडीएफ घोषित कर रखा है।