काव्या अपहरण मिस्ट्री: पापा को अभी भी अपनी परी पर भरोसा, BF के रूम पर पहुंची POLICE, पैसे खत्म हुए तो पापा की परी ने एक्टिवा और MOBILE तक बेच दिया

शिवपुरी। बीते तीन दिन से बैराड थाना क्षेत्र में प्रायवेट स्कूल संचालित करने बाले लॉर्ड लखेश्वर स्कूल के संचालक रघुवीर धाकड की बेटी के अपहरण के मामले में पुलिस लगातार बेटी द्धारा खुद के अपहरण की कहानी रच खुद का अपहरण कराने का दाबा कर रही है। लगातार पुलिस इस बात को लेकर सबूत भी दे रही है कि बेटी ने यह कारनामा किस तरह से किया है। पुलिस लगातार सीसीटीव्ही फुटैज और अन्य सामाग्री मीडिया को उपलब्ध करा रही है। जिससे इस बात से पर्दा उठ जाए कि बेटी ने खुद के अपहरण की कहानी रची है। परंतु यह बात अभी भी काव्या के पिता के गले नहीं उतर रही है। पिता को इतने सबूत देने के बाद भी पुलिस से ज्यादा अपनी बेटी पर भरोषा है। जिसके चलते वह लगातार पुलिस पर ही सबाल खडे कर रहे है।
कोटा में हुई एफआईआर के बाद बेटी और उसके बीएफ की लोकेशन इंदौर में ही मिली है। जिसके चलते अब कोटा से कोई संपर्क नहीं होने पर पिता भी बेटी को खोजने इंदौर जा पहुंचे है। पिता का कहना है कि पुलिस यह कहानी रच रही है यह गलत है। अगर पुलिस इन सबूतों तक पहुंच रही है परंतु बेटी तक क्यों नहीं पहुंच पा रही है। वह बेटी से मिलने के बाद ही कुछ कहने की बात कह रहे है।
इस मामले में क्राइम ब्रांच की टीम लड़की के साथी हर्षित की तलाश में उसके दोस्त के रूम पर भी पहुंची। क्राइम ब्रांच को हर्षित का मोबाइल उसके दोस्त के रूम पर ही पड़ा मिला। अधिकारियों की माने तो छात्रा ने जयपुर से नई सिम ली थी, जो बुधवार तक चालू थी। सिम की लोकेशन ट्रेस कर पुलिस पुलिस लड़की को ढूंढ रही थी। लेकिन अब उसने मोबाइल बंद कर लिया है।
एडीशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक काव्या और हर्षित को लेकर अभी भी इंदौर में क्राइम ब्रांच की टीमें सर्चिंग कर रही हैं। गजेंद्र उर्फ ब्रजेश और अमन को राजस्थान पुलिस अपने साथ ले गई है। जबकि हर्षित का मोबाइल गजेंद्र के कमरे पर ही मिला। जिसे क्राइम ब्रांच ने जब्त कर लिया। गजेंद्र की लोकेशन क्राइम ब्रांच को उसके रूम पर ही मिली। दूसरे साथी अमन ने पूछताछ में बताया कि वह काव्या और हर्षित को छोड़ने मेन रोड तक आए था। इसके बाद वह कहां गए उन्हें नहीं पता।
पापा को अभी भी अपनी परी पर भरोसा,बोले हो सकता है बेटी की गलती ही न हो,पुलिस सच्चाई सामने लाए
इंदौर पहुंचे काव्या के पिता का कहना है अभी बेटी का पता नहीं चला है। पुलिस जो कहानी बता रही है, तब तक यकीन नहीं कर सकते, जब तक बेटी नहीं मिल जाए। अब हम भी इंदौर में उसे खोजने आए हैं। पुलिस अपहरण फर्जी बता रही है। हो सकता है बेटी की गलती न हो। उसके मिलने के बाद ही पुलिस को सच्चाई सामने लाना चाहिए थी।
दीक्षा होस्टल मेें परीक्षा होने की कहकर 2 दिन के लिए लिया था रूम
काव्या के बारे में पता चला है कि मंगलवार को दीक्षा गर्ल्स होस्टल में शाम 4 बजे पहुंची थी। वार्डन सिया को कहा था कि परीक्षा देने के लिए दो दिन के लिए कमरा किराए पर चाहिए। फिर शाम 7 बजे रूम में आई और रात 11.30 बजे वापस चली गई थी।
मीडिया में आने के बाद दोस्त खुद सच्चाई बताने थाने पहुंचे थे
बताया जा रहा है कि इस अपहरण की असलियत बताने के लिए हर्षित के दोस्त बृजेंद्र व साथी अमन खुद भंवरकुआं थाने पहुंचे थे। पुलिस के मुताबिक एक युवक अंदर आया और बोला कि काव्या ने फर्जी अपहरण कराया है। सुबह अखबारों में काव्या का फोटो देख मकान मालिक ने कहा था कि इसकी सच्चाई खुद थाने पर बताकर आओ। वहीं दूसरे युवक को थाने से ही उठाया था।
इंदौर में रात 10 बजे निकले थे रूम से
क्राइम ब्रांच को राजस्थान पुलिस से खबर लगी कि हर्षित के मोबाइल की लोकेशन भंवरकुंआ में ट्रेस हो गई है। पुलिस जब नानक नगर में उसके रूम पहुंची, तो पता चला कि वह यहां 15 दिन से नहीं आया। उसके नंबर की कॉल डिटेल में गजेंद्र और अमन से बात होना सामने आया। दोनों की लोकेशन ट्रेस करते हुए टीमें गजेंद्र के रूम तक पहुंची। लेकिन मंगलवार रात 10 बजे दोनों रूम छोड़कर निकल गए। यहां पुलिस की टीमें जब पहुंची तो क्राइम ब्रांच के अफसरों ने उन्हें अंदर जाने से रोके रखा बाद में पता चला कि काव्या और हर्षित वहां नहीं है।
महाकाल या ओमकारेश्वर में हो सकते है दोनों
गजेंद्र ने पुलिस को बताया कि हर्षित को डर था कि सब साथ रहे तो जल्द पकड़ में आ सकते हैं। इसलिए वो और काव्या रूम छोड़ कर चले गए। उन्होंने इंदौर के आसपास ही रहकर गजेंद्र को कांटेक्ट करने की बात कही। पुलिस को शंका है दोनों उज्जैन या ओंकारेश्वर में हो सकते हैं। काव्या का मोबाइल भी इंदौर रिंग रोड से ही बंद हुआ है। अब देखना यह है कि पुलिस इन दोनों को कब तक पकडकर सामने ला सकती है।
