आखिर इन मासूमों का क्या कसूर: 16 साल पहले हुए मां के अपहरण के मामले में पिता गिरफ्तार, मां की भी मौत, 3 मासूम बेघर

शिवपुरी। आज शिवपुरी में नियमों के इस पहाड से तीन अवोध और नाबालिग मासूमों को गुजरना पढा है। इन मासूमों का कसूर क्या है यह कोई नहीं समझ पाएगा और आज न चाहते हुए भी पुलिस ने एक ऐसे युवक को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। जिसे जेल भेजने से तीन दूधमुहें बच्चों के सामने रहने रूकने और खाने का संकट खडा हो गया। यह बच्चे जिनका कोई कसूर नही है अब यह इस घटनाक्रम का शिकार हो गए। अब इनकी देखरेख की जिम्मेदारी चाईल्ड लाईन और बाल कल्याण समिति ने लेते हुए तीनों अवोध मासूमों को शिशु गृह में भिजवा दिया।
दरअसल आज जो कहानी सामने आई है वह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। यह कहानी प्रारंभ हुई है लगभग 16 साल पहले। बताया गया है कि देहात थाना क्षेत्र के ग्राम बड़ौदी निवासी बटी जाटव ने अपने ही गांव की एक नाबालिग बालिका को प्रेम जाल में फंसाकर अपने साथ लेकर फरार हो गया था। और उसके बाद दोनों ने भागकर शादी कर ली थी। इस मामले में किशोरी के नाबालिग होने के चलते परिजनों ने इस मामले में आरोपी बंटी जाटव के खिलाफ अपहरण और पोस्को एक्ट का मामला दर्ज कर विवेचना में ले लिया था।
अब पुलिस की नजर में बंटी फरार चल रहा था और पुलिस युवक की तलाश में जुटी थी। बंटी शिवपुरी से भागकर पुणे पहुंच गया और दोनों 16 साल से पुणे में रहकर अपना परिवार बसा रहे थे। अब दोनों पति पत्नि की तरह रह रहे थे और दोनों को इस दौरान तीन बच्चे भी हो गए। दोनों परिवार के साथ हसी खुशी रहने लगे और इनके परिवार को किसी की नजर लग गई। दोनों में से युवती की एक दिन तवियत खराब हुई और पति ने उसका उपचार कराया। परंतु युवती की जान नहीं बच सकी। अब घर में मौजूद तीन दूधमुंहे बच्चों की पूरी जिम्मेदारी बंटी पर आ गई।
बताया गया है कि इन तीन बच्चों में दो बालिका जिनकी उम्र ढाई वर्ष व आठ माह की हैं वहीं एक बालक जिसकी उम्र 4 साल है। जब से बच्चों की माँ की मृत्यु के बाद इनका भरण पोषण पिता बंटी द्वारा किया जा रहा था। परंतु तभी देहात थाना पुलिस को सूचना मिली कि उनके 16 साल पुराने अपहरण के मामले पुलिस ने बंटी जाटव को पुणे से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां से माननीय न्यायालय ने बंटी को जेल भेज दिया। बंटी को जेल भेजने के बाद तीनों मासूम बेघर हो गए। जिसपर पुलिस ने इस मामले की सूचना चाईल्ड लाईन के माध्यम से बाल कल्याण समिति को दी। जहां बाल कल्याण समिति ने तीनों मासूमों को शिशु बालिका गृह भेजने का आदेश जारी कर दिया है।