चायना हत्याकाण्ड मिस्ट्री: पढिए…परत दर परत किस तरह हुआ खुलासा, किस आरोपी ने क्या किया काम, कैसे पहुंची आरोपीयों तक पुलिस ? डॉ मौर्य थे टारगेट पर,चायना को इस तरह बनाया टारगेट…

सतेन्द्र उपाध्याय@ शिवपुरी। बीते तीन माह से बैराड पुलिस के लिए सिरदर्द बना चायना हत्याकाण्ड का आज पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने 8 आरोपीयों में से 6 आरोपीयों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले को लेकर बीते 3 माह से बैराड थाना पुलिस की नींद हराम हो गई थी। जिसमें पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया की टीम का नेतृत्व स्वयं एसडीओपी सुजीत भदौरिया ने किया और सुजीत भदौरिया और टीआई नवीन यादव की टीम ने सराहनीय कार्य से इस मिस्ट्री को सुलझाया। इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने 10 हजार का इनाम भी घोषित किया था।

दरअसल बीते 10 अक्टूबर 2023 को को दोपहर में घर में न्यौता देने की कहकर आए आरोपीयों ने दिन दहाडे एक चायना शर्मा की हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपीयों की तलाश शुरू की। परंतु आरोपीयों ने इस बारदात को इतनी सफाई से अंजाम दिया कि पुलिस भी इन आरोपीयों तक नहीं पहुंच पा रही थी। जिसके चलते परिजनों में भी आक्रोश देखने को मिल रहा था।
इस मामले को लेकर मृतिका चायना शर्मा के पति अजय शर्मा और परिजनों ने पुलिस की कार्यप्रणाली से नाखुश होकर थाने के बाहर भूख हडताल की थी। इस भूख हडताल के बाद पुलिस ने परिजनों को 15 दिन में हत्याकाड का खुलासा करने का आश्वासन दिया और पुलिस ने इस मामले का आज खुलासा कर दिया है।
पढिए कैसे शातिर बदमाशों ने रची इस हत्याकांड की साजिश
घटना की शुरूआत हुई इस बारदात के लगभग 1 माह पहले। जब मृतिका चायना शर्मा और उसका पति अजय शर्मा निवासी पिपलौदा हाल निवासी पुराने थाने के पीछे निवास कर अपने बच्चों को पढा रहा था। इसके साथ ही बच्चों की परवरिश के चलते अजय शर्मा क्योस्क बैंक का संचालन करता है। इस दौरान उसके घर के सामने एक मकान में हेंमत शर्मा उम्र 16 साल निवासी गुरीच्छा किराए के कमरे में रहकर 11 क्लास का छात्र है।

हेमंत शर्मा के साथ उस कमरे में उसका दोस्त महेन्द्र तोमर निवासी गुरीच्छा भी रहता था। दोनों दोस्त यहां कमरे में रहकर पढाई करते थे। इस दौरान हेमंत का मामा जो कि बंडा गिरोह का सक्रिय सदस्य रहा है पवन शर्मा उर्फ बंडा निवासी धतूरा का आना जाना था। पवन शर्मा हिस्ट्रीशटर बदमाश है और वह इनके कमरे पर आकर शराब पीता था। जिसके चलते मामा भांजे के बीच पर्देदारी खत्म हो गई। जिसके चलते मामा ने शराब के नशे में भांजे से कहा कि कही बडा हाथ डालों तो मजा आए।
जिसके चलते हेमंत ने उससे कहा कि बडा हाथ तो अपन अपने सामने रहने बाले अजय शर्मा के घर में डाल सकते है। उसके घर में क्योस्क का लेनदेन के पैसे रहते है। साथ ही उसकी पत्नि चायना शर्मा पर सोने की ज्वैलरी भी है। जिसके चलते यहां बडा हाथ मार सकते है। परंतु इसी बीच उन्होंने प्लानिंग की कि अजय शर्मा के घर में बारदात को अंजाम दिया जाए।
जिसके चलते आरोपीयों ने पूरी सुनयोजित तरीके से इस बारदात को 15 दिन पहले यहां रह रहे किराए के कमरे को खाली किया और इस हत्याकाण्ड के लिए अपने ही गांव के भरत तोमर निवासी गुरीच्छा , कल्याण उर्फ कल्ला रावत निवासी वीलवरा माता बैराड़, आरोपी बृजमोहन उर्फ खन्ना परिहार निवासी हर्रई थाना गोवर्धन,शुभम तोमर के साथ मिलकर बारदात की तैयारी की।
पहले करना चाहते थे डॉ एके मौर्य को टारगेट
इस दौरान आरोपीयों ने जब बैठकर प्लान किया तो उन्होंने अपनी प्लानिंग में चैंज किया। उन्होंने अजय शर्मा के स्थान पर डॉ मौर्य को टारगेट करने का प्लान किया। जहां यह दोनों नाबालिग रैकी करते रहे और यह पांचो आरोपी डॉ मोर्य के घर जा पहुंचे। जहां आरोपीयों ने डॉ मौर्य के घर की बैल बजाई और उससे कहा कि उनकी दादी की तबियत खराब है वह गेट खोल दे दादी बाहर खडी है। जिसपर से डॉक्टर मोर्य ने गेट नहीं खोले और इन आरोपीयों को गेट के अंदर से ही बोल दिया कि उनके घर मेहमान आए है वह आज मरीजों को नहीं देखेंगे।
जिसके चलते आरोपी पूरी तैयारी के साथ थे। परंतु जब यहां सफल नहीं हुए तो फिर आरोपीयों ने चायना शर्मा के घर की प्लानिंग की। जहां यह पांचों आरोपी पहले घर के बाहर खडे रहे। और वह चायना शर्मा के बच्चों को स्कूल जाने का इंतजार करने लगे। इस दौरान जैसे ही बच्चे स्कूल गए यह आरोपी सुनयोजित तरीके से घर में घुसे और न्यौता देने की कहा। जहां पति से बात कराए जाने के दौरान महिला चायना शर्मा की हत्या कर लूट की बारदात को अंजाम देकर वहां से चले गए। इस दौरान दोनों नाबालिग गली के बाहर लोगो को देखते रहे।
सीसीटीव्ही में नहीं आए इसलिए ग्रामीण क्षेत्र का चुना रास्ता
सूत्रों की माने तो उक्त आरोपी इस बारदात को अंजाम देने के बाद तीन बाईक से तो चार आरोपी कार से वहां से भागे। जहां दोनों ही गाडियां उन्होंने सीसीटीव्ही से बचने के लिए गाजीगढ रोड से भागे। जहां आरोपीयों ने गिरमानी और गाजीगढ रोड पर स्थिति तालाब में मृतिका का लूटा हुआ मोबाईल फैंका।
तभी पीछे से आरोपी पवन शर्मा बाईक से वहां जा पहुंचा। जहां पवन ने आरोपीयों को बताया कि अब अगर पुलिस से बचना है तो उसके लिए उन्हें सबसे पहले अपने मोबाईल की सिम तोडनी होगी। जिसके चलते सभी आरोपीयों ने एक साथ मोहना के होटल पर अपनी सिम तोडी और वह शराब पी। उसके बाद सिम तोडने के बाद यह आरोपी ग्वालियर चले गए। जहां आरोपीयों ने बैंक में गहने गिरवी रखे।
गहने गिरवी रखते ही शुरू हुई इनकी अय्याशी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन आरोपीयों ने 4 लाख 70 हजार रूपए में इन गहनों को बैंक में गिरवी रखने के बाद फिर अय्याशी का खेल शुरू किया। यहां इन्होंने पैसे का बटवारा करके पहले नए मोबाईल और नई सिम खरीदी। उसके बाद यह ग्वालियर से भिंड चले गए। जहां भिंड में जाकर आरोपी लगभग 5 दिन रूके और पुलिस को लेकर हसते रहे कि आखिर पुलिस इस मामले में स्मैचकीयो को उठा रही है। और जो आरजीनल आरोपी है वह खुलेआम घूम रहे है।
खाटू श्याम पहुंचे आरोपी,मांगी मन्नत बस पकडे नहीं जाए
यह आरोपी इतने शातिर थे कि यहां से वह खाटू श्याम जा पहुंचे। जहां उन्होंने खाटू श्याम के दरवार में पकडे न जाए ऐसी मन्नत मांगी। उसके बाद यह आरोपी बापस अपने अपने घर जा पहुंचे।
फिर पीडित पति के पास पहुंचा था आरोपी
इस मामले में आरोपी हेमंत शर्मा इतना शातिर था कि कोई उनपर संदेह न करें तो वह लगातार मृतिका के पति अजय शर्मा के घर जाता रहता और वहां से इस मामले की पूरी अपडेट लेता रहता कि आखिर पुलिस क्या कर रही है। उसके बाद भी आरोपी को डर था कि कही उसपर किसी को संदेह न हो जाए।
भूख हडताल पर भी बैठा था आरोपी
इस मामले का खुलासा करने के लिए मृतिका का पति अजय शर्मा भूख हडताल पर बैठा था। इस दौरान उसपर किसी का संदेह न चला जाए इसलिए आरोपी हेमंत शर्मा और उसका साथी दोनों भूख हडताल पर भी जाकर बैठे थे। उसके बाद जब उसे लगा कि परिजन इस मामले को छोडने ही तैयार नहीं है तो पल पल की अपडेट लेने के लिए आरोपीयों ने अपना किराए का कमरा बदलकर मृतिका के मायके यानी भाई सुनील शर्मा के मकान में कमरा किराए से ले लिया जिससे उसे पूरी अपडेट मिलती रहे।

एसडीओपी सुजीत भदौरिया ने दिन रात एक की तब हुआ खुलासा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले को पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया ने सबसे प्राथमिकता से लेते हुए एसडीओपी सुजीत भदौरिया को इस मामले का खुलासा करने का टास्क दिया था। जहां एसडीओपी भदौरिया को परिजनों ने गुमराह कर दिया। और यह पूरा मामला स्मैक की तरफ मोड दिया। जिससे पुलिस ने क्षैत्र के सभी स्मैकचीयों को उठाकर गंभीरता से पूछताछ की। परंतु कोई भी इस मामले में सामने नहीं आया। जिसके चलते पुलिस इस मामले को लेकर चारो और हाथ पैर मारती रही परंतु हमेशा हाथ खाली रहे।
दो आरोपीयों की धोखा बना मुख्य कडी
बताया जा रहा है कि इस मामले में पुलिस इस मामले तक पहुंचने में नाकाम रही। परंतु कहते है कि अपराधी कोई न कोई सुराग तो छोडते है और वही यहां पुलिस के लिए सबसे अहम सावित हुआ। दरअसल आदतन अपराधी पवन शर्मा ने इन सभी आरोपीयो को शक्त हिदायत दी थी कि सब अपनी अपनी सिम उसे दे दे। जिससे वह सिम तोडकर फैंक दे। जिसपर आरोपीयों ने अपनी अपनी सिम दे दी परंतु इस आरोपीयों ने अपने साथियों से ही धोखा करते हुए एक एक सिम का किसी को नहीं बताया और यह गलती पुलिस के लिए सबसे अच्छी साबित हुई। बताया जा रहा है कि थाना प्रभारी नवीन यादव ने जब सीडीआर निकलवाई तो उसमें इन नंबरों की सीडीआर निकली और इसी आधार पर इन आरोपीयों तक पुलिस पहुंच सकी।
पानी से भरे तालाब में फैंका था मोबाईल,सबसे बडी परेशानी कि मोबाईल कैसे होगा बरामद
इस मामले में पुलिस ने आरोपीयों को तो गिरफ्तार कर लिया है। परंतु पुलिस के सामने सबसे बडी परेशानी थी कि आखिर पानी से भरे तालाब से मोबाईल को कैसे बरामद करेंगे। बताया जा रहा है कि इस दौरान एक महिला पुलिस के लिए मददगार बनी थी। जब आरोपीयों ने यह मोबाईल फैंका था तो वहां बकरी चरा रही एक महिला ने इस मोबाईल को फैंकते देख लिया था। जहां जब पुलिस इस मोबाईल को तलाशने पहुंची तो महिला खुद ही आकर बोली कि क्या देख रहे हो। क्या मोबाईल तो नहीं खोज रहे। जिसके चलते पुलिस भी शॉक्ड हो गई कि महिला को कैसे पता कि वह मोबाईल खोज रहे है। जो महिला ने बताया कि तीन माह पहले तीन युवक बाईक से आए थे उन्होंने यहां मोबाईल फैंका था। जिसके चलते पुलिस ने जब महिला के अनुसार जेसीबी मंगाकर खोजा तो मोबाईल भी मिल गया।

एसडीओपी सुजीत भदौरिया रहे है इस मिस्ट्री के हीरो
बताया जा रहा है कि इस हत्याकाण्ड का खुलासा करने में एसडीओपी सुजीत भदौरिया का अहम योगदान रहा है। इस हत्याकाण्ड के चलते सुजीत भदौरिया कई रातों को सो तक नहीं पाए। जिसके चलते उन्हें यह सफलता हाथ लग सकी। इसको लेकर जब एसडीओपी से जानकारी चाहने का प्रयास किया तो उन्होंने इस मामले में कुछ भी बोलने से बचने का प्रयास किया और उन्होंने कहा कि बस यह हमारे लिए सबसे ज्यादा खुशी की बात है कि इस मामले का खुलासा हो गया। अब हम चार्टशीट तैयार कर रहे है। जिससे पीडित परिवार को न्याय मिल सके। साथ ही इन आरोपीयों का हमने पीआर लिया है। जिससे यह पता चल सके कि कही इन्होंने और अन्य कोई बारदात को अंजाम तो नहीं दिया है। जिससे पीडित परिवार को न्याय मिल सके।

TI नवीन यादव बोले,अभी कुछ मत पूछो बस खुलासा हो गया, बचे हुए आरोपीयों को भी जल्द पकड लेेंगे
इस मामले में बैराड टीआई नवीन यादव की भूमिका भी सराहनीय रही है। इस हत्याकाण्ड के खुलासे को लेकर एसपी आईजी सहाब के यहां से बेहद प्रेशर था। जिसके चलते पुलिस परेशान थी। अब इस मामले का खुलासा हो गया है। अब इस बारदात की जानकारी हम अभी नहीं बता सकते। इस मामले में जो भी जानकारी आएगी वह शेष आरोपीयो की गिरफ्तारी की बाद ही हम आपको बता सकेंगे।

रोते हुए मृतिका का पति अजय शर्मा बोला,आरोपीयों को फांसी दो,मेरा हंसता खेलता परिवार उजाड दिया
इस मामले को लेकर जब मीडिया ने मृतिका के पति अजय शर्मा से बात की तो अजय शर्मा रोने लगे। बोले ऐसे क्रूर और दुस्ट लोगों को धरती पर रहने का कोई अधिकार नही है। ऐसे आरोपीयों को फांसी की सजा सुनाई जाए। इस हैवानों ने मेरा हसता खेलता परिवार उजाड दिया। मृतिका के पति ने इस मामले में आरोपीयों के घरों पर बुलडोजर चलवाने और इन आदतन अपराधियों से सुरक्षा के लिए पिस्टल का लाईसेंस दिलाए जाने की मांग की है।

इनकी रही सराहनीय भूमिका,10 हजार का इनाम मिलेगा
इस मामले में सबसे सराहनीय भूमिका सुजीत सिंह भदौरिया एससडीओपी पोहरी, निरी नवीन यादव थाना प्रभारी बैराड, उपनिरीक्षक हरीशंकर शर्मा थाना प्रभारी छर्च,उपनिरीक्षक धर्मेन्द्र शिवहरे, बी. एल. दोहरे,तेजसिंह, गणेश रावत,हरिओम वर्गे, शिरोमणी,गोविंद भदोरिया, जगेश सिकरवार, सुमित सेंगर,अरूण जादौन,रणजीत रावत, जलज रावत, आर हुकुम , चेतन राठौर, दुर्गा, विवेकानंद,शिवम बरूआ,गौरव व धर्मसिंह का सराहनीय योगदान रहा।


