किसानों के साथ लूट करने का मुख्य केन्द्र बना बैराड़ का बिजली विभाग: सुपरवाईजर मनमोहन जाट के आदेश पर अवैध वसूली चरम पर

प्रिन्स प्रजापति@शिवपुरी। खबर जिले के बैराड़ तहसील क्षेत्र से है। जहां बिजली विभाग अपने कारनामों से बाज नही आ रहा है। तहसील क्षेत्र में विद्युत विभाग के द्धारा किसानों और गरीब लोगों को आए दिन परेशान किया जाता है। किसानों से अवैध वसूली करने में बिजली विभाग कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। बैराड़ क्षेत्र में सुपरवाईजर मनमोहन जाट के आदेश पर गरीब किसानों को झूंठे केस का भय दिखाकर वसूली का खेल जारी है। इसकी शिकायत भी बैराड़ तहसील में किसानों के संगठन भारतीय किसान संघ ने कलेक्टर से की है।

सरकार द्धारा किसानों को निर्धारित 10 एचपी के पम्प कनेक्शन की ​बिना जांच किए उस पर लोड बढ़ाकर किसानों से अवैध वसूली की जा रही है। इसकी कई शिकायते भी की गई है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। और गरीब किसान इन बिजली विभाग के कर्मचारियों की अवैध वसूली ​का शिकार हो रहे है। ​किसानों से लूट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बताया गया है कि अब नगर में घर घर जाकर हीटर पकड़ने का सिलसिला जारी है। जहां केस बनाने के नाम पर भी बिजली कर्मचारियों द्धारा वसूली की जा रही है।

इतना ही नहीं बात करें घरेलू बिलों की तो सरकार के अनुसार 100 यूनिट खपत पर 100 रुपए बिजली बिल निर्धारित है। लेकिन वावजूद इसके गरीब लोग और किसानो से सौ रूपए की जगह मनमर्जी के मुताबिक बिल वसूला जा रहा है। यहां तक कि 1 हजार रूपए से भी अधिक के बिल 100 यूनिट कनेक्शन पर वसूले जा रहे है।

बिजली विभाग द्धारा वेवस और मजबूर लोगों के साथ सरकार को भी चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। यदि कोई जागरूक किसान या उपभोक्ता घरेलू बिल निर्धारित से अधिक आने पर इसकी शिकायत करता है तो प्रिंट में गढ़बढी का हवाला देकर उसे रफादफा कर दिया जाता है। फिलहाल इस तरह के कई मामले ​है। जहां बिजली विभाग गरीबों के कून पीने का काम कर रहा है।

बताया गया है कि बैराड़ तहसील क्षेत्र में सुपरवाईजर मनमोहन जाट आए दिन किसानों के साथ विवादित रहते है। इससे पूर्व भी कई गांवों में बिजली कर्मचारियों को किसानों को परेशान करने पर उल्टे पांव लौटना पड़ा है। इस वसूली के मास्टर माईंड मनमोहन जाट पर बिजली बिभाग के बरिष्ठों ने ध्यान नहीं दिया तो बैराड़ में इस तरह के कारनामे रोज देखने को मिलेंगे।

इनका कहना है
मेरा खेती के लिए 10 एचपी का पंप कनेक्शन है। बिजली विभाग ने जिसका लोड बढ़ाकर 17 एचपी कर दिया है। इसके बाद मैने जब इस संबंध में मनमोहन जाट सुपरवाईजर बैराड़ से बात की तो उन्होने 10 हजार रूपए की मांग कर लोड को कम करने की बात कही। मैने जब मांगी गई राशि नहीं दी तो इन्होने केस बनाकर कोर्ट में भेज दिया। बिना कारण के इसका जुर्माना मेंने कोर्ट में भी भर दिया है। इसके बाद बिजली कर्मचारियों ने मेरे पंप कनेक्शन की पुन: जांच की तो 10 एचपी का पाया गया। इसके वावजूद भी मुझे 2 साल का 1 लाख के करीब का बिल दिया है।जबकि नियम अनुसार 2 साल का 15 हजार रुपए बिल बनता है। किसानों को इसी तरह लूटा जा रहा है।
क्षीतूराम धाकड़, निवासी ग्राम बरोद

बिजली विभाग बैराड़ द्धारा किसानों को लूटा जा रहा। किसानों के पंप कलेक्शनों के बिना जांच के भार बढ़ाकर पैसे एंठने का काम किया जा रहा है, घरेलू बिलों में शासन द्धारा निर्धरित बिल को न लेते हुए मनमर्जी के अनुसार बिल लिए जा रहे है और बसूली की जा रही है। इस मामले में हमारे द्धारा कलेक्टर को भी अवगत कराया है। अगर किसनों के साथ की जा रही वसूली नहीं रुकी तो किसान संघ इस मामले को लकर विशाल आंदोलन करेगा।
राजकुमार रावत, तहसील अध्यक्ष भारतीय किसान संघ बैराड़

Advertisement

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *