THR घोटाला: छुट्टी के दिन आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को बुलाकर बनवा रहे है 2018 का पुराना रिकॉर्ड,जिम्मेदार का हास्यप्रद बयान बाढ में वह गया रिकॉर्ड

सतेन्द्र उपाध्याय @ शिवपुरी।​ आज महिला एवं बाल विकास विभाग की और से भोपाल में जिले की सभी परियोजना अधिकारीयों को तलब किया गया है। इन्हें तलब किया गया है कि आखिर मध्यप्रदेश में टीएचआर घोटाला हुआ कैसे। इस बात को लेकर अधिकारी अपनी ओर से जबाब दे रहे है कि यह घोटाला नहीं है। इसके रजिस्टर विधिवत बने हुए है और सभी आंगनवाडी केन्द्रों पर यह रजिस्ट्रर रखे गए है।

दर​असल हुआ यह है कि मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में 2018 से कोरोना काल में सभी आंगनवाडी केन्द्रों पर टेक टू होम के जरिए राशन भेजा गया है। इस राशन के हर माह ट्रक के ट्रक आए परंतु यह राशन आंगनवाडीयों पर नहीं पहुंचा है। इसे महिला एवं बाल विकास विभाग के जिम्मेदार सीडीपीओ सहित विभागीय अधिकारी खा गए। यह राशन पहुंचना तो दूर आंगनवाडी केन्द्रों पर यह राशन देखने को भी नहीं मिला।

परंतु जब विभाग की और से इसकी आॅडिट की तो यह पूरा घोटाला परत दर परत खुलता चला गया। मध्यप्रदेश में इस घोटाले का गढ शिवपुरी भी रहा। जहां परियोजना अधिकारीयों ने मिलकर इस राशन को पूरी तरह से हजम कर लिया। अब आॅडिट रिपोर्ट सामने आने के बाद यह मामला फेल गया और अब जिम्मेदार इस मामले को समेटने में जुट गए।

आज जो मामला सामने आया है उसके अनुसार जिले भर के सभी परियोजना अधिकारी भोपाल बुलाए गए है। परंतु यहां सभी परियोजना कार्यालयों पर आज छुट्टी होने पर आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को बुलाया गया। जहां इन्हें इनलीगल तरीके से काम दिया ​गया कि 2018 से आज दिनांक तक हर माह का टीएचआर का नया रजिस्टर पुरानी डेट में बनाकर दो।

बताया गया है कि बेचारी आंगनवाडी कार्याकताओं को नौकरी से हटाने की धमकी देकर यह काम कराया जा रहा था। इस मामले की सूचना पर आज स्वतंत्र शिवपुरी की टीम महिला एवं बाल विकास विभाग के ग्रामीण कार्यालय में पहुंची। जहां जाकर देखा तो इस कार्यालय में आंगनवाडी कार्यकर्ता भेंड बकरीयों की तरह भरी थी और सबके हाथों में रजिस्टर थे। यह रजिस्टर टीएचआर के थे। जिन्हें 2018 से नए सिरे से पुरानी डेट में बनावाया जा रहा था।

जब इस संबंध में वहां उपस्थिति तृप्ति श्रीवास्तव जो अपने आप को पर्यवेक्षक बता रही थी। उन्होंने कहा कि यहां सेक्टर की बैठक चल रही है। जब उनसे सवाल किया कि यहां तो रजिस्टर बनाए जा रहे है बैठक तो हो नहीं रही। वह भी पुरानी डेट में। जिसपर उन्होंने बताया कि यह रजिस्टर बाढ में वह गए है। जब उनसे पूछा कि बाढ एक या दो केन्दों पर आई होगी पूरे जिले के रजिस्टर क्यों बनबाए जा रहे है तो वह बचने का प्रयास करती नजर आई। कुल मिलाकर यह पूरा भ्रष्टाचार यहां अधिकारीयों के संरक्षण में हुआ है। जिसका खुलासा होने से अब विभाग में हडकंप मचा हुआ है।

इनका कहना है
अगर छुट्टी के दिन अगर कार्यकताओं को बुलाया है तो हम इसका पता लगा लेते है कि आखिर इसके पीछे कारण क्या है। अगर आप भ्रष्टाचार की बात कह रहे है तो हम इसको टीम भेजकर दिखबा लेते है।
अक्षय कुमार सिंह,कलेक्टर शिवपुरी।

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