नगर पालिका का ट्री गार्ड घोटाला : कोर्ट ने नपा को 7 लाख 89 हजार 100 रुपए व 3 प्रतिशत ब्याज के साथ 90 हजार कोर्ट फीस जमा करने का दिया आदेश

शिवपुरी। तीन 3 साल पहले 2019-20 में ग्वालियर की फर्म द्वारा टी गार्ड सप्लाई मामले में 500 ट्री गार्ड का भुगतान नगर पालिका ने आधा ही दिया, जिसके एवज में पेमेंट न करने पर जब कोर्ट में मामला पहुंचा तो न्यायालय ने नगर पालिका को शेष भुगतान के साथ 90000 रुपए कोर्ट फीस और तीन फीसदी ब्याज जमा करने के निर्देश दिए।
दरअसल में नगर पालिका द्धारा ट्रीगार्ड की खरीदी में नपा का बड़ा घोटाला सामने आया है। जो ट्रीगार्ड नपा के वर्कशॉप में 1040 रुपए में बनकर तैयार हो रहा था। जैम के जरिए 2890 रुपए प्रति ट्री-गार्ड खरीदा गया। ट्री गार्ड लगाने के बाद जब भुगतान की बात आई, तो नपा ने 50 फीसदी राशि दी। इस पर फर्म ने मामले को लेकर न्यायालय में याचिका दायर किया।
जिसमें मैसर्स मदान बायोग्रीन प्रालि ने जैम के माध्यम से 2890 रुपए का एक ट्री गार्ड देने की शर्त पर सप्लाई दी। ट्री गार्ड का वजन 15 किलो होना था। फर्म ने 6 मार्च 2020 को 500 ट्रीगार्ड नपा को सप्लाई कर दिए। यह ट्रीगार्ड शहर में कई जगह पर लगा भी दिए गए।
नगरपालिका ने उक्त ट्री-गार्ड लेने के 9 माह बाद पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर शहर के पोलोग्राउंड एवं सिटी प्लाजा से 3-3 ट्रीगार्ड का सैंपल लेकर जब जांच की तो एक ट्री गार्ड महज 12.50 किलो का निकला। जबकि फर्म द्वारा जब ट्रीगार्ड की सप्लाई दी तो नपा के स्टोर प्रभारी ने उक्त सभी ट्रीगार्ड को ओके रिपोर्ट दी थी।
बता दें कि फर्म को कुल 14,45,000 रुपए का भुगतान होना था, लेकिन नपा की पांच सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर नपा ने फर्म को 6,93,600 रुपए का भुगतान टैक्स काटकर दिया। शेष राशि 7,89,100 रुपए का भुगतान लेने के लिए फर्म ने न्यायालय की शरण ली थी। मामले में वादी की ओर से पैरवी अधिवक्ता पंकज आहूजा, विनोद शर्मा, राशिद जाफरी, चन्द्रशेखर भार्गव, आयुषी सिंह राणा, रंजना कुशवाहा, वर्षा बर्मा, आकाश जैन की तरफ से की गई थी।
द्वितीय व्यवहार न्यायधीश जितेंद्र मेहर ने नगर पालिका को 7,89,100 रुपए की शेष धन राशि अदायगी के निर्देश दिए। मैसर्स मदान फार्म द्वारा करुण मदान बनाम मुख्य नगर पालिका अधिकारी शिवपुरी से ऑनलाइन निविदा प्राप्त की। जिसमें वादी फर्म को कुल 14,45000 राशि में से आधी राशि ही अदा की। जिसके बाद नगरपालिका द्वारा वादी फर्म को राशि अदा करने से इनकार कर दिया। वादी फर्म द्वारा न्यायालय में गुहार लगाई।
जिसमे न्यायालय द्वारा सभी गवाह एवं दस्तावेजों का अवलोकन कर वादी के पक्ष में नगर पालिका को आदेशित किया । जिसमें नगर पालिका को बकाया धनराशि फर्म को 7,89,100 3 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ अदा करने एवं साथ में 90000 रुपए कोर्ट फीस अदा करने का निर्देश दिए।
