क्लीनिक में GANG- RAPE: आखिर इस झोलाछाप को किस सत्ताधारी नेता का है संरक्षण, शासन को भी लगा चुका है लाखों का चूना, आखिर कहा है मामा का बुलडोजर !

सतेन्द्र उपाध्याय@ शिवपुरी। मामला जिले के कोलारस विधानसभा क्षेत्र का है। जहां बीते रोज एक प्रायवेट क्लीनिक में जांच के नाम पर एक महिला के साथ क्लीनिक के स्टाफ ने गैंगरेप की बारदात को अंजाम दिया है। इस मामले में पुलिस ने भले ही इन दो आरोपीयों को गिरफ्तार कर लिया है। परंतु यह क्लीनिक हमेशा से ही अपनी कारगुजारी के लिए सुर्खिया बटौ​रती रही है। इस क्लीनिक का संचालक झोलाछाप डॉक्टर यहां खुलेआम अपने प्रमुख कार्य यानी डॉक्टरी को छोडकर इस क्षेत्र में अपना पूरा होल्ड जमाए बैठा है। इस झोलाछाप डॉक्टर का बडे बडे लोगों के साथ उठना बैठना जो है।

जी हां हम बात कर रहे है कोलारस के उपकार क्लीनिक की। जहां बीते रोज एक महिला के साथ इस क्लीनिक के स्टाफ के दो युवकों ने गैंगरेप की बारदात को अंजाम दिया है। इस मामले में पीडिता का आरोप है कि वह इस क्लीनिक में सिरदर्द की दबाई लेने गई थी। जहां इस अस्पताल में पदस्थ दो स्टाफ के कर्मचारी रवि धाकड और दिलीप धाकड ने उसके साथ गैंगरेप की बारदात को अंजाम दिया है। इस मामले में सबसे अहम बात यह है कि यह घटना उपकार क्लीनिक में घटित हुई है।

एक नजर उपकार क्लीनिक पर
आज हम आपको बताने जा रहे है इस क्लीनिक की पूरी हकीकत, इस क्लीनिक का संचालक झोलाछाप डॉक्टर उमाचरण धाकड इस डॉक्टर पर पहले भी अपनी क्लीनिक में लोगों की खुलेआम मौत करने का आरोप लगा था। यह आरोप स्वतंत्र शिवपुरी नहीं लगा रहा ​बल्कि यह आरोप पूरी तरह घोषित है। बीते 29 मार्च 2019 को कोलारस में राई रोड पर स्थित उपकार सील का तहसीलदार और बीएमओ ने छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया था। इस क्लीनिक पर उपस्थित डॉक्टर पर ऐसे कोई कागजात नही मिले जिससे वह नियमानुसार ईलाज करने की पात्रता रखता हों,उसको झोलाछाप कहा जा सकता था।

इस छापामार कार्रवाई में क्लीनिक पर एक्सपायर डेट की दवाईयां मौके पर मिली। मौजूद स्टाफ भी क्वालीफाईड नही था। प्रशासन न पंचनामा बनाकर क्लीनिक को सील कर दिया था। लेकिन यह डॉक्टर इतना दबंग है कि इसने प्रशासन द्धारा अपनी क्लीनिक सील होने पर तत्काल ही पास की एक दुकान को किराए पर लिया और तत्काल में फिर से अपनी दुकानदारी जमा ली। इतना ही नहीं जब प्रशासन की और से हल्की सी डील मिली तो उक्त चिकित्सक ने प्रशासन द्धारा सील की गई क्लीनिक का ताला तोडकर प्रशासन को ही ठेंगा दिखा दिया। इस मामले में तत्कालीन सीएमएचओं ने कोलारस थाना प्रभारी को भी इसपर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। परंतु सीएमएचओं कार्यालय से इस पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए पर्याप्त दस्तावेज नहीं देने के चलते इस पर पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी और इस डॉक्टर द्धारा तत्कालीन जिम्मेदारों को चढाबा चढाकर इस मामले को बंद करा दिया।

420 का आरोप है डॉक्टर उमाचरण धाकड
आज जिस डॉक्टर की हम पूरी कुंडली आपको बता रहे है वह डॉक्टर कम माफिया ज्यादा है। बताया जा रहा है कि यह डॉक्टर अपनी ग्राम पंचायत में हस्तक्षेप रखता है। साथ ही यह अपनी पंचायत में किसी परिवार के युवक को सरपंच बनाने में भी सफल रहा है। परंतु यह सरपंच बनने से पहले भी इसपर शासकीय चने में बजरी मिलाने का मामला प्रकाश में आया था।

यहां बता दे कि बीते 31 मई को प्रशासन को सूचना मिली कि उपकार क्लीनिक पर आरोपी झोलाछाप डॉक्टर शासकीय चने में सिंध की बजरी मिला रहा था। इस सूचना पर तत्कालीन एसडीएम आईएएस आशीष तिवारी ने आरआई विशंभर मांझी को मौके पर भेजा। जां देखा तो उक्त ट्रेक्टर में चने में बजरी मिलाकर इससे शासन को करोडों रूपए का चुना लगाया जा चुका था। इस मामले में प्रशासन ने एक्टिव मूड में आकर इस आरोपी डॉक्टर उमाचरण धाकड,सेल्समेन और समिति प्रबंधक के खिलाफ 34,120बी.,272,418,420 की धाराओं में भी मामला दर्ज हो चुका है।

आखिर अब कहा है मामा की बुलडोजर
यहां बता दे कि जिले में हल्के स्तर पर कोई घटना घटित हो जाने के बाद प्रशासन तत्काल एक्शन मूूड में आकर बुलडोजर लेकर पहुंचता है। परंतु इस क्लीनिक में इस आदतन अपराधी डॉक्टर और उसके गुर्गो द्धारा हैवानियत की जा रही है। परंतु उसके बाद भी यह आरोपी हर बार बच जाता है। बताया जा रहा है कि इस डॉक्टर को सत्ताधारी दल के बडे नेताओं का खुला सरंक्षण प्राप्त है। जिसके चलते इसपर कोई कार्यवाही नहीं की जाती।

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