कांग्रेस से कुनबे से उठी ब्राह्मण समाज के चहरे की मांग,सर्वे में रवि वशिष्ठ के नाम पर मंथन

शिवपुरी। शिवपुरी विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए कांग्रेस द्वारा सर्वमान्य प्रत्याशी ढूंढे जाने का प्रयास लगातार जारी है इस क्रम में कांग्रेस द्वारा कराए गए सर्वे में रवि वशिष्ठ का नाम आया है।
सूत्रों के मुताबिक सर्वे में जो प्रमुख बातें निकलकर सामने आई है उसके मुताबिक ब्राह्मण समाज से आने वाले रवि वशिष्ट का नाम सर्व समाज सर्वहारा वर्ग में सर्वमान्य रूप में एकमात्र नेता के रूप में सामने आया है उच्च शिक्षित रवि वशिष्ठ सरल विनम्र और अपनी ईमानदार छवि ने नेता से ज्यादा समाजसेवी के रूप में जाने जाते हैं।
शिवपुरी के प्रतिष्ठित सफल उद्योगपति कट्टर सिंधिया समर्थक जाने वाले रवि वशिष्ठ वर्तमान में जिला क्रिकेट एसोसिएशन मे सचिव एवं शिवपुरी इंडस्ट्रियल वेलफेयर एसोसिएशन समिति के सचिव के रूप में कम कर रहे हैं। कैलाश वासी माधवराव सिंधिया के समय से तत्कालीन युवा कांग्रेस अध्यक्ष शिव प्रताप सिंह कुशवाहा ने रवि वशिष्ठ की क्षमताओं को देखते हुए उन्हें अपने संगठन में प्रमुख स्थान देखकर राजनीति में कांग्रेस की सदस्यता दिलवाई थी।
तब से अब तक कांग्रेस में जिला कांग्रेस कमेटी के स्वर्गीय राम सिंह यादव एवं बैजनाथ सिंह यादव के जिला कांग्रेस कमेटी संगठन में सचिव और महासचिव जैसे प्रमुख पदों पर उन्होंने अपने जन समर्थन का भरपूर प्रदर्शन किया। हालांकि सिंधिया जी के राजनीति में आने के बाद उनके उनके प्रथम पूर्णकालिक 2004 के बेहदप्रतिष्ठा पूर्ण और हिंसक लोकसभा चुनाव के निपटते ही 26 जून 2004 को उन्हें राजनीतिक विद्वेष का सामना करना पड़ा।
जब उन्हें अज्ञात व्यक्तियों द्वारा दो गोली मारी गई जो कि दोनों गोली उनके शरीर में जाकर लगी उस वक्त सिंधिया ने जो अमेरिका में थे तत्काल अमेरिका से सीधे रवि वशिष्ठ के निवास पर पहुंचकर उनसे इस संबंध में जानकारी ली और हाल जाना श्री सिंधिया जी उसे वक्त रवि वशिष्ठ को बचाने के लिए भरपूर प्रयास किया जो सार्थक भी रहा विवादों से दूर रहे रवि वशिष्ठ का मानना है की राजनीति सिर्फ जनसेवा का माध्यम है परहित सरिस धर्म नहिं भाई को ध्यान में रखते हुए समाज सेवा एवं जरूरतमंदों की मदद करने में कभी पीछे नहीं रहे 2007 के उपचुनाव में उन्होंने फिर एक बार अपने जन आधार कर लोहा तब बनवाया जब ग्रामीण क्षेत्र में दबदबा रखने वाले भाजपा प्रत्याशी गणेश गौतम अपनी जीत सुनिश्चित मानकर चल रहे थे और जब नतीजे आए तो उन्हें हर का सामना करना पड़ा ।
पड़ोस में कार्यरत एक कर्मचारी ने बताया कि, मैं पिछले 20 वर्षों से लगातार देख रहा हूं जरूरतमंदों के लिए शिवपुरी शहर में एकमात्र ऐसा दरवाजा है जहां रात को 2:00 बजे भी कोई दरवाजा खटकता है उसे पानी की आवश्यकता होती है तो पानी मिलता है पैसे की आवश्यकता होती है पैसे मिलते हैं और खून की आवश्यकता होती है तो खून मिलता है निस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं इसीलिए ग्रामीण जान उनके घर पर आए दिन भीड़ लगी रहती है। उनके जनाधार को देखते हुए कांग्रेसी उन्हें आगामी विधानसभा में अपने प्रत्याशी के रूप में प्रस्तुत कर सकती है। यहां बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद भी रवि वशिष्ठ ने कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया है।
