मंत्री जी की बहन के नाम पर चल रही है मनमर्जी: नहीं खुलता पशु चिकित्सालय,जो TRANSFER लेकर आए उन्हें JOIN ही नहीं करने दिया

@सतेन्द्र उपाध्याय, शिवपुरी। जिले में इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में रहने बाली विधानसभा है तो वह है पोहरी विधानसभा। यहां मंत्री जी की नाक के नीचे खुलेआम भ्रष्टाचार जारी है। हालात यह है कि यहां मंत्री जी की नाक के नीचे खुलेआम पब्लिक को लूटा जा रहा है। इसकी बानगी उस समय देखने को मिली जब एक पशु चिकित्सक के लिए माननीय मंत्री जी ने ऐडी चोटी का जोर लगा दिया। और हालात यह हो गई कि मंत्रीजी के आगे माननीय अपर सचिव मध्यप्रदेश शासन के आदेश को भी यहां ठेंगा दिखा दिया गया।
दरअसल जिले के पोहरी विधानसभा के पशु चिकित्सालय बैराड में इन दिनों चिकित्सा का प्रभारी मूल रूप से ककरौआ सेक्टर में पदस्थ पशु चिकित्सक अर्चना यादव के पास है। पशु चिकित्सक अर्चना यादव के पास ककरौआ के साथ साथ बैराड का चार्ज होेने के चलते इस क्षेत्र में पशु चिकित्सा विभाग की बडी ही बुरी तरह से भद्द पिट रही है। हालात यह है कि यह पशु चिकित्सालय महज कुछ घंटे या यूं कहे कि सुबह दो घंटे के लिए ही खुलता है। बांकि के समय यह पशु चिकित्सालय बंद रहता है।
इस चिकित्सालय में जब कोई यहां पहुंचकर डॉ अर्चना यादव को फोन लगाकर पूछते है तो वह अपनी लोकेशन ककरौआ की बता देती है और जब कोई ककरौआ की पूछता है तो वह अपनी लोकेशन बैराड की बताकर इतिश्री कर लेती है। जबकि हकीकत यह है कि वह ग्वालियर से अपडाउन कर यहां नौकरी कर रही है। अब इस खाली जगह पर लगातार शिकायतों के बाद मध्यप्रदेश शासन पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अपर सचिव सुनील मडाबी द्धारा 6 जून को प्रशासनिक स्तर पर पशु चिकित्सालय पुरानी छावनी ग्वालियर में पदस्थ डॉक्टर वाय एस राजपूत को यहां पदस्थ किया गया।
परंतु यहां मेडम की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपर सचिव के आदेश के बाद भी यहां डॉ वाय एस राजपूज जॉइन नहीं कर पाए। इन्हें पोहरी के पशु चिकित्सालय का प्रभारी बना दिया। जब इस मामले में दबे मुंह बातचीत की तो जिम्मेदारों ने यह तक कह दिया कि यहां इन मेडम अर्चना यादव की शिकायतें तो कई बार आती रही है। परंतु यह मेडम को माननीय मंत्रीजी अपनी रिश्तेदार बताते है। जिसके चलते इनको यहां से हटाना बेहद ही टेडा काम है। इसी दबाब की बजह से जिस डॉक्टर को यहां विभाग ने पदस्थ्य किया है उसे पोहरी का जबरन चार्ज थमाया गया है।
इनका कहना है
हां हमारे यहां डॉक्टरों की कमी है। एक डॉक्टर वाय एस राजपूत की यहां पद स्थापना हुई है। अभी ट्रांसफरो पर रोक खुली नहीं है जिसके चलते हम यहां डॉक्टरों की कमी से परेशान है। पोहरी और बैराड में तो हालात का हमें पता है। इसलिए हमने इन्हें बैराड न करते हुए पोहरी किया है। क्योकि पोहरी में भी जगह खाली है। जिसके चलते अब दोनों मिलकर बैराड को देख सकेंगे। रही बात अस्पताल खुलने की तो उसके लिए हम अभी पत्र खिलकर उनसे जबाब मांगेंगे।
बीपी यादव,प्रभारी उप संचालक पशु चिकित्सालय शिवपुरी।
