CMHO की मिली भगत से जिले में हर मोहल्ले में खुली है मौत की दुकान, लगातार मौतों के बाद भी सो रहे है जिम्मेदार

भानु प्रताप सिंह यादव@ शिवपुरी। बैसे तो पूरे जिले में झोलाछाप डॉक्टरों की चांदी कट रही है। जिले में कुकुरमुत्तों की तरह हर गली मौहल्ले में इन झोलाछाप डॉक्टरों ने अपनी अपनी मौत की दुकाने खोल रखी है। जिसके चलते हालात यह है कि यहां खुलेआम लोगों की जान से खिलबाड करते हुए लोग यह झौलाछाप डॉक्टरों को जिम्मेदारों ने मौत की दुकान खुलवा दी है।
जानकारी के अनुसार पूरे जिले में इन दिनों झौलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। यह डॉक्टर सिर्फ प्रक्टिस के आधार पर अपनी अपनी दुकाने खोलकर बैठे है और खुलेआम ऐलोपेथी पद्धत्ति से लोगों का इलाज कर लोगों की जान से खिलबाड कर रहे है। अभी हाल ही में जिले के पिछोर क्षेत्र में एक झोलाछाप ने एक की जान ले जी थी। अभी हाल ही में कोलारस में एक मासूम की जान पर एक झोलाछाप की लापरवाही भारी पड गई थी।
ऐसा ही मामला कोलारस के लेवा से सामने आया जहां लेवा के पास रहने बाले एक युवक की इस झोलाछाप डॉक्टर द्धारा गलत इंजेक्शन लगाने से मौत हो गई थी। बताया गया है कि मंजीत चिढार को निवासी खैराना डांग को बुखार आने पर उसने झोलाछाप डॉक्टर केसी धाकड से इलाज कराया। जहां डॉक्टर ने उसे बिना जांच के ही एक इंजेक्शन लगा दिया। जिससे उसकी हालात बिगडी और मंजीत ने दम तोड दिया। इस मामले की शिकायत परिजनों ने पुलिस अधीक्षक से की तो इस मामले में पुलिस ने महज पीएम कर मामला विवेचना में ले लिया।
परंतु मौत हो जाने के बाद भी जिम्मेदार सीएमएचओं के कान पर जूं तक नहीं रेंगी और इस डॉक्टर पर कार्यवाही तो दूर उसे दूसरे ही दिन से फिर से मौत की दुकान खोलने का आदेश तक दे डाला। अब जिम्मेदारों द्धारा इस तरह की की जिम्मेदारी निभाना किस हद तक सही है यह तो जिम्मेदार ही जाने। जब इस मामले को लेकर बीएमओ सुनील खण्डोलिया से बात की तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड लिया कि हमनें पीएम कराकर मामला थाने भेज दिया है अब थाने से संपर्क कर ले। इसके साथ ही जब उनसे पूछा कि यहां खुलेआम मौत की दुकानें खुली हुई है इनपर क्या कार्यवाही कर रहे है। जिसपर बीएमओ ने कहा कि उसके पास सीएमएचओं कार्यालय से इन डॉक्टरों की सूची नहीं आई है। उनसे सूची आने पर ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।