आउटसोर्स कर्मचारीयों के साथ जारी है भेदभाव,मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

शिवपुरी। बीते रोज म.प्र. शासन के स्कूल शिक्षा विभाग में कई वर्षों से कार्यरत आउटसोर्स डाटा एण्ट्री ऑपरेटरों ने सीएम के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौपा है। उन्होंने ज्ञापन सौंपते हुए कहा है कि अब तक के सबसे बड़े अन्याय के शिकार हैं, जिन्हें न तो न्यूनतम वेतन मिलता है, वह भी समय से नहीं मिल पाता, न ही पीएफ समय पर जमा होता है तथा कभी भी नौकरी से निकाले जाने का संकट हमेशा बना रहता है।

आउटसोर्स एजेंसियों की मनमानी पीएफ जमा न करना, शासन के निर्देशों की अवहेलना आम बात है। लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगों की ओर विभाग का ध्यान दिलाये जाने की सजा नौकरी से निकाल दिये जाने के रूप में मिलती है । उन्होंने कहा है कि सरकार सबकी है और सबके लिए समान रूप से कार्य करने की शपथ लेकर कार्य शुरू करती है, आउटसोर्स कर्मचारी भी संविदा कर्मचारियों की श्रेणी में आते है, संविदा सम्मेलन में आपने आउटसोर्स कर्मचारियों का जिक्र तक नहीं किया।

रोजगार सहायकों की तरह हम सभी ऑपरेटर भी आपके शासन काल में अपनी सेवायें लग्नशील एवं ईमानदारी से दे रहे हैं जिनका वेतन भी बढ़ाया जाना चाहिए था। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि नौकरियों में आउटसोर्स कल्चर समाप्त कर हम सभी डाटा एण्ट्री ऑपरेटरों को विभाग में संविलयन किया जाए। इसके साथ ही समस्त आउटसोर्स, अस्थाई डाटा एण्ट्री ऑपरेटरों का न्यूनतम वेतन बढ़ाया जाए जिससे बढ़ती मंहगाई में अपने परिवार व बच्चों का सही तरह से भरण पोषण कर सकें।

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