स्मैक से बर्बादी की कहानी, नशे में घुलती जा रही है युवाओं की जबानी: SP का आदेश बना सिर्फ कागज का पन्ना, जिले के हर कोने में बिक रही है स्मैक

प्रिन्स प्रजापति @ शिवपुरी । युवा मन को जोश व उमंग की उम्र कहा जाता है। यही उम्र का पड़ाव होता है, जब भविष्य को लेकर इसी युवा मन द्वारा लक्ष्य साधा जाता है, पर दुर्भाग्यवश जिले के युवाओं की नसों में जोश कम नशा तैरता ज्यादा दिखाई दे रहा है। कहने का मतलब यह है कि जिलेभर में स्मैक का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा और जिले की युवा पीढ़ी नशे की आदी होती जा रही, जबकि जिम्मेदार पूरी तरह से बेखबर नजर आ रहे हैं। यह कहना कतई गलत न होगा कि जिले की युवा पीढ़ी पथ भ्रमित नजर आ रही है।
धूम्रपान से लेकर शराब का सेवन तक करने में 16 साल से लेकर 25 वर्ष तक की आयु के ही युवा ज्यादा चिन्हित किए जा रहे हैं। नशे के दलदल में फंसने वालों में अच्छे व गरीब परिवारों के बच्चे भी शामिल हैं, जो पढ़ने लिखने की उम्र मेें नशे के आदी होते जा रहे हैं। नशे में धूम्रपान से लेकर शराब का सेवन तो किया ही जा रहा, इसके अलावा जो इन दिनों नशा नसों में उतारा जा रहा है, उनमें स्मैक का नाम पहले लिया जा रहा है।
पुलिस की चुप्पी ने बैराड़ को बना दिया उड़ता पंजाब
हम बात बैराड़ क्षेत्र की करें तो जिलेभर सहित बैराड़ तहसील के विभिन्न ग्रामों मे नशों मे उतरने बाला स्मैक का नशा युवाओं के अंदर फैल चुका है जोकि युवाओं के शरीर को नुकसान तो पहुंचा ही रहा है साथ मे परिवार और उनके भविष्य का भी फट्टा साफ कर रहा है लेकिन प्रशासन इस पर कोई तंज कसने को तैयार दिखाई नही दे रहा है बैराड क्षेत्र मे स्मैक का कारोबार भी चरम पर है। कई बार प्रशासन को चेताने के बाद भी पुलिस की बौना बनकर बैठी है। बैराड़ क्षेत्र में हालत यह है कि जो स्मैक के कारोबारी थे उन्होंने यह नशा फैलाने के बाद अब बड़े स्तर पर स्मैक का कारोबार कर रहे है जबकि क्षेत्र में स्मैक के आदी, नशा करने बाले ही स्वंय इसका कारोबार कर रहे है और इस जहर को युवाओं को बर्बाद करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कहा जाए तो पुलिस की चुप्पी ने बैराड़ को उड़ता पंजाब बना दिया है जिससे क्षेत्र की युवा पीढ़ी पूरी तरह से बर्बाद हो गई है।
गंजेढ़ी-भंगेड़ी अब बने स्मैकची
क्षेत्र में अन्य प्रकार का नशा करने बाले युवा अब स्मैक की गिरफ्त में आ गए हैं बता दें कि स्मैक के कारोबारियों ने प्रशासन पर भी अपना दबाब बनाए रखा है और गांजे का कारोबार करने बालों पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही करवाकर गांजे बेचेने पर पूर्ण प्रतिबंध बैराड़ में लगाया गया। जिसके बाद गांजे और भांग का नशा करने बाले नशे की तलफ के चलते बह इन स्मैकचियों की गिरफ्त में आए और इस नशे के आदी हो गए और हम सब जानते है कि जो एक बार स्मैक का आदी हो जाए फिर यह जीवनलीला समाप्त होने पर ही छूटता है और छूटता है तो बड़ी मुश्किल से। इसके बाद यह अन्य प्रकार के नशे के आदी लोग स्मैक के आदी होकर धीरे-धीरे अपने संपर्क के लोगों को भी इसका गुलाम बना रहे है यदि इसी तरह यह जहर फैलता रहा तो बैराड़ को उड़ता पंजाब बनने में समय नहीं लगेगा।
कैसे फैलता है यह नशा..??
यह स्मैक का नशा इतना खतरनाक है कि इसका आदी स्वंय और स्वंय के परिवार को बर्वाद तो करता ही है साथ में अन्य लोगो को भी इसका शिकार बनाता है यह नशा करने व्यक्ति खुद इसके पास नही आता यह नशा खुद ही इसको अपनी पकड़ में ले लेता है बता दें कि स्मैक का 1 कार्ड 200 से 500 रूपए में बैराड़ में बेचा जा रहा है नशा करने बाला युवक जब इस नशा को करके बर्बाद हो जाता है आर्थिक रूप से कमजोर हो जाता है तो बह अपराध करने पर उतारू हो जाता है और चोरी, लूट आदि को घटनाओ को अंजाम देकर नशा करता है इतना ही नही। इसका आदि युवक धीरे-धीरे नए युवाओं को इसका आदी बनाने का प्रयास करता है उनको पहले इसका नशा कराता है और फिर धीरे-धीरे उनको भी इसका आदि कर देता है इसी तरह यह नशा एक-दूसरे को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। यह नशेड़ी अब स्वयं खरीदते है और नशा करते है खुद ही इसको बेचते हैं। अब यदि पुलिस और प्रशासन ने शख्त कदम नही उठाया तो बैराड़ ही नही पूरा शिवपुरी जिला इसका बुरी तरह इसका शिकार हो जाएगा। अभी भी यह नशा अधिकांश क्षेत्रों में अपने पैर पसार चुका है।
पुलिस क्यों बनी है बौना ??
पुलिस प्रशासन की बात करें तो नशे की बजह से आए दिन जिले में अपराध बढ़ रहे है और कई बर्बाद हो गए और कई परिवार बर्बादी की कगार पर हैं लेकिन पुलिस प्रशासन आंखो से देखकर और कानों से सुनकर भी बौना बनी बैठी है जब भी कोई कभी इस आबाज को उठाता है तो छुट-पुट कार्यवाही कर जिले को बर्बाद करने में हिस्सेदार बनकर इसका तमाशा देख रही है। पुलिस अधीक्षक द्वारा जिले में सट्टा पर कार्यवाही पर ताबड़तोड़ कार्यवाही की थी लेकिन न जाने क्यों? पुलिस इन स्मैक कारोबारियों के आगे घुटने टैक चुकी है। इस सब से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस के साथ जिलेभर को बर्बाद करने में कई बड़े लोगों की भी सहभागिता नजर आ रही है। अब देखना यह है कि क्या पुलिस के कांन पर तनिक भी झूं रेंगते हैं या फिर यूंही बर्बादी का आलम चलता रहेगा। यदि ऐसा रहा तो जिले में युवा पीढ़ी पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी।
जिले में कई युवा मौत के मुंह में चले गए,फिर भी जिम्मेदार खानापूर्ति में व्यस्त
जिले की हालात यह है कि बीते दो साल में स्मैक ने पूरे जिले में अपना मकड जाल विछा दिया है। जिसके चलते युवा इसकी चपेट में आ रहे है और मौत के मुंह में समा रहे है। पहले एक युवती की मौत के मामले ने भी तूल पकडा था। परंतु उसके बाद यह मामला दबा दिया गया था। इसके साथ ही कई अन्य युवा भी मौत के मुंह में जा चुके है।
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