जनसुनवाई में रोते हुए पिता बोला: मेरी बेटी का शिलांग NIT में एडमीशन हो गया, अगर फीस जमा नहीं हुई तो यह सिर्फ में और मेरी बेटी जानते है कि आगे क्या करेंगे!

शिवपुरी। आज कलेक्टर कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में एक पिता ने कलेक्टर से रोते हुए अपनी व्यथा सुनाई। पिता ने कलेक्टर को बताया कि मेघालय के शिलांग की यूनिवर्सिटी में उसकी बेटी का एडमीशन हो गया है। अगर ऐसे में उसने फीस जमा नहीं कराई तो उसका एडमीशन नहीं हो पाएगा। अगर बेटी का एडमिशन नहीं हुआ तो यह बात सिर्फ मैं और मेरी ही बेटी ही जानती है कि हम आगे क्या करेंगे।
जानकारी के अनुसार पिछोर तहसील के बंडा गांव के रहने वाले महेंद्र सिंह यादव पुत्र हरिराम यादव ने बताया कि मैं एक किसान हूं, मैंने बेटी को अच्छे कॉलेज में दाखिला दिलाने के लिए पिछोर के सहकारी बैंक में 3 लाख 41 हजार रुपए जैसे तैसे जमा करके रखे हुए थे। मेरी बेटी का सिलेक्शन शिलॉन्ग की एनआईटी यूनिवर्सिटी में हो गया है। रिजर्व हुई बेटी की सीट के लिए मुझे 21 जुलाई तक 2 लाख 19 हजार रुपए की फीस जमा करनी है। मैं पिछले दो माह से जमा पैसों को निकालने के लिए पिछोर के सहकारी बैंक के चक्कर काट रहा हूं। लेकिन बैंक प्रबंधन मुझे पैसे देने से इनकार कर रहा है।
फीस जमा कराने की तारीख नजदीक आती जा रही है अगर ऐसे में मेरी बेटी की फीस 21 जुलाई तक मैंने नहीं भरी तो उसका भविष्य खराब हो जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो मुझे और मेरी बेटी को अप्रिय कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। इसी के चलते आज मैं कलेक्टर मदद की गुहार लगाने आया हूं। यहां बता दें कि सहकारी बैंक में करोड़ों रुपए के हुए घोटाले के बाद जिले के हजारों लोग बैंक में अपने ही जमा पैसे को नहीं निकाल पा रहे हैं। सालों गुजर जाने के बाद भी सरकार ने भी अब तक कोई भी उचित कदम नहीं उठाया है जिससे खाता धारकों को उनके जमा पैसे वापस मिल सके।
बता दें कि इससे पहले भी कई ऐसे पिता अपने बच्चों के भविष्य को बनाने के लिए सहकारी बैंक में पैसे जमा कर चुके हैं लेकिन उन्हें मायूसी ही हाथ लगी है। अब तक कई बेटियों की शादी भी बैंक के द्वारा पैसे न दिए जाने के कारण धूमधाम से नहीं हो सकी है।
