जाटव समाज के सम्मेलन में साथ छोड़ने बाले समर्थकों पर बोले सिंधिया : जिनका मन कहीं और जाने का है, मैं उन्हें हथकड़ी पहनाकर तो नहीं रख सकता…

शिवपुरी। शिवपुरी में एक दिन के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछोर और कोलारस विधानसभा में जाटव समाज के सम्मेलनों को संबोधित किया। बता दें कि सिंधिया पिछले कुछ दिनों से लगातार ग्वालियर-चंबल संभाग में आयोजित सामाजिक सम्मेलनों में हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया का जगह-जगह जोरदार स्वागत किया गया।
पिछोर में सामाजिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मेरी आजी अम्मा की पार्टी है। जन-जन से जुड़ी पार्टी है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी है। यह पार्टी आपके विकास और प्रगति के लिए संकल्पित है। इसी पार्टी में मैं आपका योद्धा, आपका भाई आपके परिवार का सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया आपके साथ खड़ा है। वरखाड़ी वाले मामले पर सिंधिया ने कहा कि मैं अत्याचार नहीं होने दूंगा। उस घटना पर मैंने तत्काल संज्ञान में लेते हुए 24 घंटे के अंदर एक्शन लिया, अगर अब कोई गलत काम करेगा तो मैं आपके साथ आपके योद्धा के रुप में खड़ा रहूंगा।
कोलारस में जाटव समाज के सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कहा कि यह चुनावी समय है। क्षेत्र में प्रवासी पक्षियों का आना शुरु हो जाएगा। ऐसे-ऐसे पक्षी आएंगे, जिन्हें हमने 5 साल में कभी नहीं देखा होगा। यह पक्षी, योजनाओं का पिटारा लेकर आएंगे। केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि हमने 15 माह की सरकार में देख लिया कि कांग्रेस ने जनता को क्या दिया। कांग्रेस, सरकार में गरीबों के उत्थान और विकास के लिए नहीं आई थी। कांग्रेस अपनी जेबों को भरने आई थी। न किसानों का कर्जा माफ किया और न ही बेरोजगारों को बेरोजगारी का भत्ता दिया, इसलिए कांग्रेस की सरकार गिर गई।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस को छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले सिंधिया समर्थक बैजनाथ सिंह यादव और राकेश गुप्ता के पार्टी छोड़ने पर सिंधिया ने उन्हें शुभकामनाएं दी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिंदगी में राजनीतिक दल में लोग आएंगे और लोग जाएंगे। यह कोई पहली बात नहीं है और ना ही कोई नई बात है। आजादी के समय से ही यह प्रक्रिया चल रही है। जिनका मन कहीं और जाने का है। मैं उन्हें हथकड़ी पहनाकर तो नहीं रख सकता, वह स्वतंत्र हैं। मैं उन्हें शुभकामनाएं ही दे सकता हूं। जिंदगी में कभी व्यक्ति के विरुद्ध दुर्भावना सिंधिया परिवार नहीं रखता है। कूटनीति सिंधिया परिवार नहीं रखता है। स्वेच्छा के साथ आप हमसे जुड़े थे। स्वेच्छा के साथ आपको किसी अन्य के साथ जुड़ना है, उनके लिए मैं अपनी ओर से सिर्फ शुभकामना ही दे सकता हूं।