20 घंटे बाद भी ब्लाॅस्ट का कारण अज्ञात,पति- पत्नि की हालात नाजुक, क्षेत्र में दहशत का माहौल, कही थिंक गैस कंपनी को बचाने की कबायत तो नहीं

शिवपुरी। बीते रोज शाम फतेहपुर पर मकान में हुए ब्लास्ट को धीरे धीरे 20 घंटे से ज्यादा का समय गुजर गया है। इस हादसे की पूरी कहानी मकान की दीवारे चिल्ला चिल्लाकर बता रही है। परंतु प्रशासन की नाकामी देखिए कि 20 घंटे बीत जाने के बाद भी प्रशासन यह पता नहीं चला पाया कि आखिर हादसे का कारण क्या था। इस मामले में कई सबाल खडे हो रहे है और हर बार सुई थिंक गैस पर आकर टिक रही है। परंतु थिंक गैंस कंपनी को प्रशासन बचाने में जुट गया है। इस हादसे का एक सीसीटीव्ही फुटेज भी सामने आया है। जिसमें स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि इस हादसे के बाद कैसे भगदड का माहौल बन गया था।

विदित हो कि बीते रात्रि लगभग 7 बजे फतेहपुर रोड पर राघवेन्द्र लोधी जो कि पंचायत सचिव है उनके घर के बाहर पहले रोड किनारे आग लगती है। स्थानीय लोग उस आग को बुझा पाते है कि फिर आग रोड के दूसरी और लग जाती है। जब लोग दूसरी और से आग को बुझाने का प्रयास करते है कि तभी वहां एक जोरदार धमाका होता है। यह धमाका इतना जोर से हुआ कि आसपास के मकान तक हिल गए। तत्काल इस मामले की सूचना पर प्रधान आरक्षक उदल सिंह मौके पर पहुंचे और अपनी जान जोखिम में डालकर राघवेन्द्र लोधी,उनकी पत्नि रानी लोधी और उनकी बेटी काब्याजंलि उर्फ अंजली लोधी को चद्दर में लपेटकर बाहर दौडे। जहां तीनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इस मामले की सूचना पर पूरा प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और आग पर काबू पा लिया। इस आगजनी में रात में किसी की हिम्मत नहीं हो पा रही थी कि आखिर अंदर के हालात क्या है। आज सुबह जब प्रशासन और मीडिया की टीम इस मकान में पहुंची तो हादसे की भयावयता दीवारे और गेट चींख चींख कर बता रहे थे।

पहले देखें हादसे का लाईव वीडियों

इस हादसे में गंभीर रुप से घायल हुए चारों लोगों को ग्वालियर के बिरला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां महिला को डॉक्टरों ने 100 फ़ीसदी जला हुआ बताया कि इसके अलावा उनके पति को 80 फीसदी, बेटी को 65 फीसदी और उज्जवल भार्गव को 60 फीसदी जलना बताया है।

अभी तक कारण नहीं आ सका सामने
क्षेत्रीय लोगों की माने तो यह हादसा थिंक गैस की पाइप लाइन में हुए रिसाव के चलते हुए है। लोगों का कहना है कि मौके पर एयरटेल कंपनी एचडीडी की खुदाई का काम चल रहा था। इस काम में मशीन के द्वारा ड्रिल करके जमीन के अंदर फाइबर केबल डाला जा रहा था। ड्रिल के कारण गैस की लाइन छतिग्रस्त हुई। इसके बाद गैस रिसाव के चलते यह हादसा हुआ। कोई इस घटना को घर में रखे एलपीजी सिलेंडर में हुए लीकेज से जोड़कर देख रहे हैं तो कुछ लोग इस हादसे को एसी का कंप्रेशर के फटने से जोड़कर देख रहे हैं।

धमाके के बाद की तस्वीर बता रही है इस हादसे की गंभीरता
धमाके के बाद भयानक तस्वीरें सामने आई। घर के अंदर जाने का प्रवेश द्वार ढाई फीट चौड़ा था। गैलरी में एक दरवाजा धमाके के कारण बाहर उखड़ा पड़ा था। थोड़ा अंदर जाने के बाद घर में एक चौक मिला। चौक के आजू.बाजू 2 किचन, तीन कमरे थे। सभी के दरवाजे अंदर से बाहर की ओर उखड़े पड़े थे। इसे देखकर ऐसा लग रहा है कि जैसे कमरों में भरी गैस ने घर के चौक से एक साथ आग पकड़ ली हो। जिसके चलते एक साथ धमाका हुआ। घर के चौक के ऊपर खुले में लोहे का जाल लगा हुआ था। वह भी पूरी तरह से उखड़ चुका था।

घर में लगी रोशनी के लिए लगाई हुई एलईडी बल्ब मोम की तरह पिघल चुके थे। धमाका इतना भीषण था कि घर की छत पर जाने वाली दीवार तक उखड़ चुकी थी। घर के किचन में एक एलपीजी का खाली सिलेंडर मात्र सुरक्षित रखा हुआ था। बताया गया है कि मकान में डेढ़ माह से ताला पड़ा था। परिवार घटना के आधा घंटे पहले ही अपने मकान में आया था।

दहशत में रह रहे है स्थानीय लोग
इस हादसे के बाद क्षेत्रीय लोग डरे हुए है। सामने से हादसे का शिकार हुई कोसां कुशवाह ने बताया कि उनकी पूरी रात डर.डरकर गुजरी। पूरी रात जागती रही। उन्हें फिर ऐसी घटना न हो जाएए इसका डर सता रहा है। खौफ के साए में जी रहे तुलसी नामदेव ने बताया कि घटना के बाद आग पर काबू पा लिया गयाए लेकिन सुबह से कोई भी अधिकारी हमें यह कहने नहीं आया कि अब ऐसी घटना नहीं होगी। बीती रात हुई घटना किन कारणों से हुई थी। यह भी नहीं बताया। क्षेत्र में रहने वाले अन्य परिवार भी हादसे के बाद डर के साए में जी रहे है।

एक कारण यह भी हो सकता है
इस मामले में बैसे तो अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं हो सका है। परंतु एक अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि यह हादसा सिलेण्डर के चलते हुए है। घर में जो सिलेण्डर मिला है वह पूरी तरह से खाली है। जिसके चलते अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि बीते 4 दिन से यह परिवार बाहर गया हुआ था और घर का ताला लगा हुआ था। जिसके चलते यह सिलेण्डर लीक हो रहा था और यह गैस का रिसाव होते होते बाथरूम के जरिए नाली में जा पहुंचा है। जहां नाली में पहले आग लगी है और उसके बाद नाली के जरिए आग घर में पहुंची है और एक दम से बडा धमाका हुआ है। अब इस मामले का खुलासा तो उस समय ही होगा जब यह पता चलेगा कि आखिर परिवार ने यह सिलेण्डर कब भरवाया था।

थिंक गैस पर भी खडे हो रहे है सबाल
इस मामले में एक सबाल थिंक गैस कंपनी पर भी हो रहे है। क्योकि इस क्षेत्र में थिंक गैंस कंपनी ने हर घर में अपनी लाईन बिछाकर प्रारंभ कर दी थी। उसके बाद जब पहली आग घर के सामने लगी तो वहां से भी थिंक गैस पाईप लाईन गुजरी हुई है। जिसके चलते अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि यह आग कही थिंक गैंस की लाईन के रिसाब में तो नहीं लगी।

पति पत्नि की हालात नाजुक
इस हादसे में घायल 5 लोगों में से पति पत्नि की हालात नाजुक बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि पति राघवेन्द्र को विरला हाॅस्पीटल ग्वालियर में भर्ती कराया गया है। जहां उनके शरीर को 90 प्रतिशत तक जला हुआ बता रहे है। जबकि उनकी पत्नि को 100 प्रतिशत तक जला हुआ डाॅक्टरों ने बताया है। जिसके चलते उनकी हालात नाजुक बनी हुई है। इसके साथ ही बेटी काव्याजंलि को 65 प्रतिशत तक जला हुआ बताया है।

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