सरकारी सिस्टम ने 26 जिंदे लोगों को मार डालाः कई महिलाओं के सुहाग उजाड दिए,कलेक्टर पहुंचे तो बोला सहाब में जिंदा हूं

शिवपुरी। बीते चार दिन पहले शिवपुरी में दो जनपद पंचायत सीईओ सहित 6 जिम्मेदारों पर कोतवाली में 93 लाख रूपए का गवन करने बाले 6 आरोपीयों पर मामला दर्ज कराया है। इस मामले में इन जिम्मेदारों ने 26 जिंदा लोगो को मृत घोषित करते हुए इनके नाम पर करोडों की राशि डकार गए। मामला शिवपुरी की जनपद पंचायत का है। यहां के 2 सीईओए 2 बाबुओं व ऑपरेटर ने अंत्येष्टि व अनुग्रह राशि हड़पने के लिए 26 जिंदा लोगों को कागजों में मार डाला और 93. 56 लाख का गबन कर दिया।
कहीं किसी की पत्नी को जीते जी मरा बता दिया तो किसी के जवान बेटे को मृत बताकर पैसे हजम कर लिए। दैनिक भास्कर ने बुधवार को जनपद के उन गांवों में जाकर पड़ताल की और उन्हीं 26 जिंदा लोगों को सामने लाया। अब इनके सामने खुद को जिंदा साबित करने की चुनौती है। अब इन लोगों के सामने खुद को जिंदा सावित करने के लिए इन्हें दर दर की ठौंकरें खाने पडेगी।
पहला मामला सतेंद्र ओझा उम्र 42 साल निवासी दर्रोनी का है। जब कलेक्टर इसकी जांच करने खेत स्थित मकान पर पहुंचे तो वह अपने खेत में काम करते मिले। वे बोले. कलेक्टर गांव आए थे। मुझे बुलाया और बताया कि तुम्हारी तो 2019 में मौत हो गई है। मैंने कहा कि साहबए मैं तो आपके सामने जिंदा खड़ा हूं। सतेंद्र के माता.पिता भी जिंदा हैंए जिन्हें उसने 15 जून को तीर्थ यात्रा पर भेजा है।
दूसरा मामला गिर्राज कुशवाह उम्र 23 साल निवासी ग्राम छार ठर्रा का है। जिसे मृत बताकर पिता पूरन कुशवाह को हितग्राही बनाया है। गिर्राज का कहना है कि मैं भागवत कथा में थाए तभी सरपंच का कॉल आया। खुद को मरा बताने पर मैं चौंक गया। मैं ग्रेजुएट हूं। एसएससी की तैयारी कर रहा हूं। मैं डर गयाए यदि कागज में मरा दर्ज कर दिया तो नौकरी कैसे लगेगी।
तीसरा मामला तीन बच्चों की मां जरीना खान उम्र 25 साल निवासी दर्रोनी का है तो जिंदा हैं। पति गुड्डा खान बकरी पालकर गुजर.बसर करता है। एसबीआई खाते में 22 अगस्त 2019 को 4 लाख 6 हजार रु की राशि आई है। गुड्डा ने बताया कि पंचायत सचिव से पत्नी के मरने का पता चला तो बयान दर्ज कराने जनपद कार्यालय पहुंचे। अब कुल मिलाकर प्रशासन के जिम्मेदारों ने किस तरह से जिंदा लोगों को मृत बताकर इनके नाम की राशि आहरित कर ली। अब मामला खुल गया तो यह भागते हुए नजर आ रहे है।