अच्छी खबर: कूनो में जिस चीते का नाम मोदी ने आशा रखा वह प्रेग्नेंट है,70 साल बाद भारत भूमि पर जन्म लेंगे चीते

शिवपुरी। अपने जन्मदिन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नामीबिया से आए आठ चीतों को कूनों नेशनल पार्क में छोडा था। जहां अभी वह एक माह के लिए उन्हें कॉरन्टाईन में रखा है। अब अच्छी खबर यह है कि जिस मादा चीता को पीएम मोदी ने आशा नाम दिया था। अब आशा ने गर्भवती होकर इस प्रोजेक्ट की सफलता की पहली उम्मीद बांध दी है। चीतों की निगरानी करने वाली टीम के अधिकारियों के मुताबिक, आशा में एक गर्भवती मादा चीता वाले सभी लक्षण दिख रहे हैं। आशा की उम्र साढ़े तीन साल बतायी गई है।
नामीबिया से चीतों को भारत लाने में अहम भूमिका निभाने वाले चीता संरक्षण कोष के प्रमुख लॉरी मार्कर ने भी ऐसे संकेत दिए हैं। मार्कर ने बताया, चूंकि आशा नामीबिया में एक प्राकृतिक जंगली वातावरण में रहती थी, इसलिए उसने नामीबिया में ही गर्भधारण किया होगा। यह भारत के लिए दोहरे उपहार की तरह है।
मार्कर के अनुसार, आशा को गर्भकाल के दौरान पूरी तरह से शांत वातावरण की आवश्यकता होगी। लोगों को उसके आसपास जाने से रोका जाएगा। ताकि उसका तनाव कम हो सके और वह अच्छे चीतों को जन्म दे सके।
यहां बता दे कि इस मादा चीता को तो प्रधानमंत्री मोदी ने आशा नाम दिया था। इसके साथ ही अन्य चीतों के नाम रखने की प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही है। जिसमें देश के लोग अपनी पसंद से अन्य चीतों के नाम सुझा रहे है। जैसे ही यह प्रतियोगिता खत्म होगी अन्य चीतों का नामकरण भी हो जाएगा।
70 Year बाद भारत की धरती पर जन्म लेंगे नन्हें चीते
मादा चीता का नाम प्रधानमंत्री आशा ने दिया था। आशा अब गर्भवती बतायी गई है। उसके गर्भवती होने से आशा की किरण नजर आने लगी है। यह बात इसलिए भी इतनी महत्वपूर्ण है क्योंकि सत्तर साल बाद देश में चीते जन्म लेंगे। नन्हें चीतों के आगमन के लिए कूनो नेशनल पार्क भी पूरी तरह से तैयार है।