सैनटरी पेड कंपनी के मुख्य आरोपियों को दिल्ली सेे किया गिरफ्तार : पेड बनाने के नाम पर की थी करोड़ों की धोखाधड़ी

शिवपुरी। खबर शहर के सिटी कोतवाली से आ रही है जहां कोतवाली पुलिस ने सेनेटरी पैड धोखाधड़ी के मामले में अब मुख्य आरोपी और उसकी सहयोगी महिला को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि इससे पहले पुलिस एक महिला सहित चार आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार कर चुकी है। फरार आरोपियों पर एसपी ने 3-3 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था। अब पुलिस ने मुख्य आरोपियों को भी गिरप्तार कर लिया है।
मामले में पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया ने बताया कि सैनेटरी पेड धोखाधड़ी मामले में पुलिस टीम ने दिल्ली से इस कंपनी को चलाने वाले चंद्रशेखर वर्मा पुत्र पन्नालाल वर्मा और सहयोगी अखिलेश पत्नी सुभाषचंद्र राजपूत को गिरफ्तार कर लिया है। एसपी ने बताया कि इससे पहले 30 मई को दिल्ली से चंद्रशेखर वर्मा के खास सहयोगी गायत्री अहिरवार (32) निवासी मुकंदपुर दिल्ली, महेश वर्मा (25) निवासी जेजे कॉलोनी देवरा नई दिल्ली, धर्मेंद्र कुमार पुत्र पन्नालाल निवासी पनवाड़ी महोबा उप्र व अमर परिहार (21) निवासी मुकुंदपुर गिरफ्फ्तार कर लिया था। पकड़े गए चारों आरोपी चंद्रशेखर के लिए कंपनी में काम करते थे और भोले-भाले लोगों को फंसाकर उनका पैसा इस कंपनी में लगवाते थे।
बताया कि सेनेटरी पैड कंपनी के मालिक चंद्रशेखर पुत्र पन्नालाल वर्मा निवासी किलौआ तहसील पनवाड़ी कुलपहाड़ महोबा उप्र ने अपनी सहयोगी अखिलेश पत्नी सुभाषचंद्र राजपूत निवासी कुलपहाड़ महोबा ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर शिवपुरी जिले की महिलाओं को सेनेटरी पैड बनाने वाली कंपनी में वर्क फ्रॉम होम का झांसा देकर प्रति महिला से 30-30 हजार लिए थे, और सेनेटरी पैड घर पर पैक कराने के एवज में 8 हजार रुपए महीना देने का वादा किया था। इसी वादे के झांसे में आकर जिले की लगभग 1500 महिला धोखाधड़ी का शिकार हो गईं थीं। इसके बाद कंपनी का मालिक चंद्रशेखर पुत्र पन्नालाल वर्मा और उसकी महिला साथी अखिलेश राजपूत के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी कर रातों रात फरार हो गए थे।
जिससे धोखाधड़ी का शिकार हुई महिलाओं में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा था। आज पुलिस ने धोखाधड़ी करने वाली कंपनी के मालिक सहित उसकी महिला सहयोगी को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपियों के गिरफ्तार होने के बाद अब धोखाधड़ी की शिकार हुई महिलाओं के मन में पैसा वापस मिलने की उम्मीद जाग चुकी है।