दर्द से कराह रहे आदिवासी को तीन दिन से नहीं मिला इलाज,डॉ बोले पर्चा खो गया है

शिवपुरी। कल ही जिले में स्वास्थ्य मंत्री ने वीडियों कॉल कर मरीजों को प्रायोजित ठंग से बातचीत कर स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया था। परंतु धरातल के हालात देखने लायक है। जबकि उसी समय यहाँ के जिला चिकित्सालय में आदिवासी मरीज इलाज के अभाव में कराह रहा था ,उसे दो दिन से भर्ती होने के बाद किसी तरह का इलाज तक नहीं दिया जा रहा था।

सहरिया आदिवासी वर्ग को अस्पताल में इलाज देने में जबरदस्त लापरवाही बरती जा रही है। उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है वो अलग .आदिवासी मरीजों के साथ बरती जा रही लापरवाही से सहरिया क्रांति में आक्रोश व्याप्त होता जा रहा है। जिला चिकित्सालय में तीन दिन पूर्व से सड़क दुर्घटना के बाद सुरवाया थाना पुलिस द्वारा भर्ती कराये गए मरीज को इलाज तक नहीं मिला, जब सहरिया क्रांति सदस्यों ने इस वावत ड्यूटी डाक्टर से शिकायत की तो उनका कहना था की मरीज का पर्चा ही नहीं है तो इलाज कैसे दे सकते हैं। अब मरीज का पर्चा कहां है इस वावत कोई भी कुछ बोलने तैयार नहीं है।

जानकारी अनुसार सड़क दुर्घटना में घायल विष्णु आदिवासी निवासी दादौल को सुरवाया पुलिस द्वारा दिनांक 7 मई को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। भर्ती होने के बाद जब 2 दिन तक उसका उपचार प्रारम्भ नहीं हुआ तो परिजनों ने इसकी शिकायत ड्यूटी डॉक्टर से की मगर उन्होंने भी अनसुनी की तो परिजनों ने सहरिया क्रांति सदस्यों को बुलाकर मदद मांगी। सहरिया क्रांति सदस्य अस्पताल पहुंचे और इलाज न होने की पड़ताल की तो पता चला दिनांक 9 मई तक कोई उपचार इलाज नहीं हुआ है।

जब पता किया तो समाने आया कि अस्पताल के रिकार्ड में भी भर्ती पर्चा नहीं मिल रहा है। आदिवासी मरीज को अस्पताल में तीन दिन हो चुके है फिर भी किसी डाक्टर ने मरीज की कोई सुध नहीं ली। मरीज को पुलिस वाले बैड पर ही छोड़ कर चले गए थे भर्ती मरीज के परिजनों ने बताया कि इलाज न मिलने के कारन मरीज के शरीर में संक्रमण हो सकता है। मामले की जानकारी सिविल सर्जन को दी गई मगर उन्होंने भी आदिवासी के इलाज को गम्भीरता से नहीं लिया। मामले की शिकायत अनुसूचित जाति आयोग को की जा रही है।

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