भगवान की महारास लीला इतनी दिव्य है कि इसे देखने स्वंय भोलेनाथ बाल रूप में गोकुल आते थे: पं ​मुकेश शस्त्री

करैरा। जिले के करैरा के ग्राम ढंगा काली पहाड़ी में श्रीमद भागवत कथा का आयोजन कप्तान सिंह यादव और परिवार द्वारा भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में कथा आचार्य मुकेश उपाध्याय अमरपुर बालो के श्री मुख से किया जा रहा है। इस भागवत कथा के 6 वें दिन कथा व्यास ने भगवान श्री कृष्ण की महारास लीला का वर्णन किया। इसके साथ ही इस कथा में भगवान श्री कृष्ण और रूकमिणी जी के विवाह की कथा सुनाई गई। इस दौरान श्रीमद् भागवत कथा के दौरान बीच बीच में सुंदर-सुंदर झांकियां प्रस्तुत की गई।

श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन सर्वप्रथम कथा वाचक मुकेश उपाध्याय शास्त्री जी द्धारा श्रीमद् भागवत कथा की गणेश वंदना विधि विधान से शुभारंभ किया। ​आज की ​कथा में भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य महारास लीला का वर्णन किया। कथा वाचक पंडित मुकेश उपाध्याय ने कहा कि भगवान की महारास लीला इतनी दिव्य है कि स्वयं भोलेनाथ उनके बाल रूप के दर्शन करने के लिए गोकुल पहुंच गए। मथुरा गमन प्रसंग में अक्रूर जी भगवान को लेने आए।

जब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा जाने लगे समस्त ब्रज की गोपियां भगवान कृष्ण के रथ के आगे खड़ी हो गई। कहने लगी हे कन्हैया जब आपको हमें छोड़कर ही जाना था तो हम से प्रेम क्यों किया। गोपी उद्धव संवाद, श्री कृष्ण एवं रुकमणी विवाह उत्सव पर मनोहर झांकी प्रस्तुत की गईऔर भगवान श्री कृष्ण रुकमणी जी के समस्त श्रद्धालु भक्तजनों और ग्राम वासियों ने शादी में बारात निकाल कर वरमाला प्रोग्राम बड़ी धूमधाम से संपन्न कराया भगवान श्री कृष्ण रुकमणी जी के समस्त श्रद्धालु भक्तजनों ने शादी का आंनद लिया।

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