बैठक के बाद भी नहीं सुलझा बलारपुर का विवाद: पार्क प्रबंधन गाडी से श्रृद्धालुओं को जाने की अनुमति दे रहा है,महंत सहमत नहीं

शिवपुरी। नेशनल पार्क के अंदर स्थित बलारी माता मंदिर पर श्रृद्धालुओं के प्रवेश का मामला एसडीएम द्वारा बुलाई गई बैठक के बाद भी नहीं सुलझा है। नेशनल पार्क में 3-3 टाईगर छोड़े जा चुके हैं। इस कारण बलारी माता मंदिर में श्रृद्धालुओं के प्रवेश को पार्क प्रबंधन ने रोक दिया था। केवल मंदिर के महंत और पुजारी को बंद गाड़ी से मंदिर के प्रवेश की अनुमति दी गई थी। लेकिन महंत प्रयाग भारती इस सीमित अनुमति से संतुष्ट नहीं है।
उन्होंने मंदिर पर शतचंडी यज्ञ की घोषणा की है। जिसमें बड़ी संख्या में श्रृद्धालु उपस्थित होंगे। इस विवाद को सुलझाने के लिए एसडीएम ने दोनों पक्षों की बैठक बुलाई थी। लेकिन निष्किर्ष कुछ नहीं निकला। मंदिर के महंत प्रयाग भारती ने आंदोलन की घोषणा कर दी।
यह पूरा मामला शिवपुरी आई प्रदेश सरकार की खेल एवं युवक कल्याण मंत्री तथा स्थानीय विधायक यशोधरा राजे सिंधिया के समक्ष भी आया था। उन्होंने दोनों पक्षों से बातचीत कर सहमति बनाने की बात कही थी। बकौल यशोधरा राजे, कानून का उल्लंघन भी न हो और श्रृद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस न पहुंचे ऐसा रास्ता निकाला जाए। उन्होंने कहा कि बांधवगढ़ और रणथंभौर नेशनल पार्क में भी मंदिर है और वहां भी किस तरह से श्रृद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा है।
उसकी जानकारी लेकर विवाद का हल निकाला जाए। यशोधरा राजे ने इस संंबंध में पार्क प्रबंधन और मंदिर के महंत प्रयाग भारती के साथ भी बैठक ली थी और उन्हीं के निर्देश के बाद एसडीएम कक्ष में पार्क प्रबंधन, प्रशासन और मंदिर कमेटी की आपात बैठक आहूत की गई। इसमें पार्क की ओर से सहायक डॉयरेक्टर अनिल सोनी ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि सप्तमी के दिन ही वह श्रृद्धालुओं को केवल बंद गाड़ी में ही मंदिर में जाने की अनुमति दे सकते हैं।
इस पर मंदिर के महंत बोले कि गांव में किसी के पास बंद गाड़ी नहीं है। सिर्फ ट्रेक्टर और बाइक है। बैठक में शामिल महंत प्रयाग भारती, विनयराज शर्मा और एमडी गुर्जर आदि सदस्यों ने सहायक संचालक सोनी के प्रस्ताव पर सहमति नहीं ली। उन्होंने कहा कि सप्तमी के दिन हजारों लोग ट्रेक्टर ट्रॉली और बाइक से मां के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। उनके पास बंद गाड़ी नहीं है। इसलिए टे्रक्टर ट्रॉली और बाइक की अनुमति दी जाए।
बंद गाडी की अनुमति देने से रोजगार भी मिलेगा
नेशनल पार्क के सहायक संचालक अनिल सोनी ने कहा कि हम पार्क क्षेत्र में किसी को भी आने की अनुमति नहीं देंगे। लेकिन बलारी मंदिर में प्रवेश का मामला धार्मिक आस्थाओं से जुड़ा हुआ है और सप्तमी के दिन मंदिर पर अनेक श्रृद्धालु आते हैं। इसी बजह से हम सिर्फ बंद गाड़ी में बलारी माता मंदिर पहुचंने की अनुमति दे सकते हैं। इसके लिए वाहन की पूर्व अनुमति लेनी होगी और उसे पंजीकृत कराना होगा। इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा और माता रानी के दर्शन भी हो सकेंगे। किसी की जान का खतरा नहीं होगा और वन प्राणी भी सुरक्षित नहीं रहेंगे।
इनका कहना है-
हमने विवाद सुलझाने के लिए एक बैठक आयोजित की। जिसमें पॉलिथिन की जगह कपड़े की थैली ले जाने की सहमति बनी। कुछ बिंदुओं पर सहमति नहीं बनी। पार्क प्रबंधन बंद वाहन की बात इसलिए कह रहा है क्योंकि खुले में जाना खतरे से खाली नहीं है। जबकि मंदिर प्रबंधन ग्रामीणों की अपनी समस्या बता रहा है। मंदिर प्रबंधन चाहेगा तो हम फिर से बैठक कर समाधान निकालने का प्रयास करेंगे।
अंकुर रवि गुप्ता, एसडीएम शिवपुरी