ऐरियर के बिलों के भुगतान के एवज में लोकायुक्त द्धारा पकडे गए प्राचार्य को 3 साल की जेल,5 हजार का जुर्माना

शिवपुरी। ऐरियर भुगतान के बिलों पर हस्ताक्षर करने के एवज में रिश्वत मांग करने वाले आरोपी प्रभारी प्राचार्य शासकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय करैरा जिला शिवपुरी को माननीय न्यायालय द्वारा 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल-5000/- रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।

माननीय विशेष न्यायाधीश(भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) शिवकांत गोयल शिवपुरी के द्वारा आरोपी राधेश्याम गुप्ता आत्मज स्व.मांगीलाल गुप्ता, सेवानिवृत्त प्रभारी प्राचार्य शासकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय करैरा जिला शिवपुरी को धारा- 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में दोषसिध्द पाते हुये आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5,000/- रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।

यह है पूरा मामला
अभियोजन की ओर से पैरवीकर्ता सहायक जिला अभियोजन अधिकारी जिला शिवपुरी सुनील मणि त्रिपाठी ने घटना के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि, 13/08/2018 को फरियादी लालाराम जाटव द्वारा पुलिस अधीक्षक महोदय लोकायुक्त कार्यालय ग्वालियर के समक्ष उपस्थिति होकर आरोपी आर.एस.गुप्ता, प्रभारी प्राचार्य शासकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय करैरा जिला शिवपुरी के द्वारा आवेदक के ऐरियरों वर्ष 1976 से 2015 तक बिल बनाया जा चुका है।

इस पर आरोपी प्रभारी प्राचार्य के द्वारा हस्ताक्षर करने के एवज में आवेदक से 5000/- रुपये रिश्वत के रुप में मांग कर रहे है। आवेदक आरोपी आर.एस.गुप्ता को 5000/- रूपये रिश्वत नहीं देना चाहता है, बल्कि उन्हें रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों पकड़वाना चाहता है। उक्त आवेदन पर पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा निरीक्षक पी.के चतुर्वेदी को कार्यवाही करने संबंधी टीप अंकित कर निर्देशित किया गया।

उक्त शिकायत पर से निरीक्षक पी.के चतुर्वेदी द्वारा अभियुक्त के विरुद्व विधिवत ट्रेप कार्यवाही पूर्ण कर मामला अनुसंधान में लिया गया। जिस पर से नियमानुसार कार्यवाही करते हुये विवेचना पूर्ण कर, अभियुक्त के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर माननीय न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में पैरवीकर्ता सुनील मणि त्रिपाठी, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी जिला शिवपुरी ने पैरवी की। जिसमें अभियोजन की साक्ष्य एवं सफल विचारण उपरांत अभियोजन मामला सिद्ध होने पर माननीय विशेष न्यायालय(भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) द्वारा आरोपी आर.एस.गुप्ता, प्रभारी प्राचार्य शासकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय करैरा जिला शिवपुरी को दोषसिद्ध पाया।

माननीय न्याायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी को धारा- 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में दोषसिध्द पाते हुये आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5,000/- रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। शासन की ओर से पैरवी सुनील मणि त्रिपाठी, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, जिला-शिवपुरी के द्वारा की गई।

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