4 घंटे की क्लास के बाद गद्दारी बाले बयान पर बैकपुट पर आए सांसद KP यादव,बोले उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया

शिवपुरी। बीते रोज गुना में एक सामजिक कार्यक्रम में सिंधिया का नाम लिए बिना ही सांसद केपी यादव ने उनपर जुबानी हमला बोला था। इस हमले के बाद तत्काल सांसद को भोपाल तलब किया गया। जहां उसकी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने लगभग 4 घंटे उनकी जमकर क्लास ली। उसके बाद सांसद बाहर निकले तो मीडिया ने उन्हें घेर लिया जिसपर उन्होंने का कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। सिंधिया जी से मेरे अच्छे संबंध है।

विदित हो कि बीते शनिवार को सांसद केपी यादव समाज गुना पहुंचे थे। जहां उन्होंने पीजी कॉलेज में वीरमाता जीजाबाई सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। क्रीड़ा भारती के इस आयोजन में उन्होंने बिना नाम लिए सिंधिया परिवार पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा- अनादिकाल से ही मातृशक्ति का देश में सम्मान होता रहा है। चाहे जीजा माता हों, चाहे रानी लक्ष्मीबाई हों, इनके बलिदान को देश भुला नहीं सकता। रानी लक्ष्मीबाई भी हमारे पास झांसी की ही थीं। उनके शौर्य के बारे में भी हम सभी जानते हैं।

हम ये भी जानते हैं कि अगर उस समय कुछ लोगों ने उनके साथ गद्दारी नहीं की होती, तो शायद भारत देश 75वी वर्षगांठ नहीं, बल्कि 175वीं वर्षगांठ मना रहा होता यानी हम 100 साल पहले ही आजाद हो गए होते बयान दिया था। यह मामला तूल पकड गया। इस बयान के बाद गुना से भोपाल तक हड़कंप मच गया। रविवार को आनन-फानन में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने केपी यादव को प्रदेश भाजपा कार्यालय में तलब कर लिया। यहां करीब 4 घंटे तक वीडी शर्मा ने उनकी क्लास ली।

बताया गया है कि सांसद केपी यादव रविवार शाम 4 बजे प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंच गए थे। यहां वे प्रदेश कार्यालय मंत्री राघवेन्द्र शर्मा के कमरे में बैठे, तो मीडिया के कैमरे उनकी तरफ घूम गए। इसके बाद उन्हें दूसरे कमरे में बिठा दिया गया। वे प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, पंकजा मुंडे के साथ हुई मंत्रियों विधायकों की बैठक में शामिल हुए। बैठक के बाद जैसे ही केपी यादव जाने के लिए निकले, तो उन्हें फिर कार्यालय मंत्री के कक्ष में बिठा दिया गया। करीब दो घंटे तक मीडिया से बचने की कोशिश में बैठे केपी यादव आखिरकार सवा आठ बजे मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर के साथ बाहर आए। उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी।

सांसद केपी यादव ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में कहा कार्यक्रम में महिलाओं और मातृ शक्ति के बारे में बोल रहा था। उस समय ये बात निकल आई, लेकिन मेरी ऐसी भावना नहीं थी। बाद में मुझे मीडिया के माध्यम से पता चला कि मेरा कौन सा शब्द कहां से निकाला गया है। मेरा ऐसा इरादा नहीं था। न मैंने ऐसा कुछ बोला है। जहां तक सिंधिया जी की बात है, उनसे मेरे अच्छे संबंध हैं। मैंने किसी का नाम नहीं लिया और न किसी को आहत करने का उद्देश्य था। मैं उनका सम्मान करता हूं वह मेरे वरिष्ठ नेता हैं। ये पता नहीं कहां से कौन सी बात निकाल ली गई। हांलाकि इस बयान को लेकर शिवपुरी की राजनीति में अभी भी हडकंप मचा हुआ है।

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