दूधियों की जिद के आगे नतमस्तक प्रशासन: शहर में हाहाकार के चलते ग्वालियर से मंगाया दूध, प्रशासन ने भरे सैम्पल

शिवपुरी। जिले में दूधियों की हडताल के चलते शहर में हाहाकार मचा हुआ है। इन दूधियों की जिद के चलते शहर में दो दिन से दूध की सप्लाई नहीं हुई। जिसके चलते कल से दूध के लिए हाहाकार मच रहा है। बच्चे दूध न मिलने से बिलख रहे है। परंतु यह दूधिए अपनी जिद पर अडे हुए है। यह शिवपुरी में दूध के दाम बढाने को लेकर हडताल कर रहे है। इसका विरोध व्यापारी संघ के अध्यक्ष आनंद दूध डेयरी के संचालक को मंहगा पड गया। कल उन्होंने प्रशासन के साथ हुई बैठक में बाहर से दूध मंगाकर शिवपुरी में पब्लिक के बीच पहुंचाने की बात कही थी।
और आज आनंद दूध डेयरी के संचालक ने ग्वालियर से दूध का 20 हजार लीटर का टैंकर मंगा भी लिया। परंतु इसका नतीजा यह हुआ कि प्रशासन ने इसका धन्यबाद करने की बजाए दूधियों के आगे नतमस्तक होते हुए इसी दूध की सैम्पलिंग कर दी। हांलाकि आनंद दूध डेयरी के संचालक ने इस सेम्पलिंग को लेकर कल ही कहा था कि जैसे ही वह दूध मंगाएगे। उनके दूध के सेम्पल लिए जाना तय है।
आज फूड आॅफिसर आशूतोष मिश्रा, आरआई प्रमोद शर्मा अपनी टीम के साथ आनंद दूध डेयरी पहुंचे और उन्होने यहां से पनीर,दूध और अन्य सामाग्री के सेम्पल लिए। डेयरी दुग्ध संघ के अध्यक्ष आनंद राठौर ने बताया है कि उन्हें जनता की और से सोचना मंहगा सावित हुआ है। उन्हें जनता की चिंता है कि जो पहले से ही मंहगाई से परेशान है उसे अभी 45 रूपए में दूध लेने में दिक्कत आ रही थी। उनपर अब अतिरिक्त वोझ का उन्होंने विरोध किया। अभी वह दूध के दाम 50 रूपए और उसके बाद गर्मी में 55 रूपए की मांग कर रहे है। हमने इसी के चलते ग्वालियर से दूध मंगाकर शहर में दूध की समस्या को कुछ हद तक खत्म करने का प्रयास किया था और इसी का खामियाता हमें भुगतना पड रहा है।
सभी जगह फेट और शिवपुरी में खोआ के आधार पर हो रहा है विक्रय
शिवपुरी में दूध की सप्लाई खोआ निकलने के आधार पर की जाती है। जबकि पूरे जिले में यह सप्लाई फेट के आधार पर की जाती है। बताया गया है कि दूध की एक्चुअल गुणवत्ता का पता फेट से ही लगाया जाता है। परंतु शिवपुरी में दूधियोें की मनमानी चलती है।