सावधान शिवपुरी! मिलन मोबाईल से मोबाईल न खरीदें , यह पुराने मोबाईल को नया बनाकर बेचता है , सायबर क्राईम में भी हाथ

शिवपुरी। खबर शहर के सिटी कोतवाली से आ रही है। जहां माधव चौक के पास स्थिति मिलन मोबाईल सेंटर लोगों को गुमराह कर रहा है। यहां लोगों के साथ खिलबाड करते हुए लोगों को नया मोबाईल दिखाकर पुराने मोबाईल बेचे जाते है। यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के मामले सामने आ गए है। परंतु हर बार शिकायत नहीं होने से यह मोबाईल का दुकानदार बच जाता है और लोगों को जमकर चूना लगा रहा है। ऐसा ही मामला आज प्रकाश में आया।
दसअसल विवेक दुबे निवासी खजूरी ने बीते 6 फरवरी 2022 को मिलन मोबाईल शॉप से वीवो कंपनी का वाए 21 मोबाईल खरीदा था। इस मोबाईल को मिलन मोबाईल शॉप ने नया बताकर 14 हजार रूपए में उपभोक्ता को दिया। उसका विधिवत बिल भी इस दुकानदार द्धारा बनाया गया। और कंपनी द्धारा इस मोबाईल की 1 साल की गारंटी भी दी गई ।

परंतु यह गांरटी खत्म होने के महज दो दिन पहले यह मोबाईल अचानक बंद हो गया। जिसके चलते उपभोक्ता विवेक दुबे मोबाईल का बिल लेकर वीवों कंपनी के सर्विस सेंटर पर गया। जहां जाकर उसने मोबाईल को सर्विस सेंटर पर दिखाया। जहां उन्होंने विल देखकर कहा कि यह बॉरंटी में है,सही हो जाएगा। जिसके चले विवेक ने अपना मोबाईल सर्विस सेंटर पर दिया।
जहां सर्विस सेंटर पर जब चैक किया तो उन्होंने उपभोक्ता को बता दिया कि यह मोबाईल आउट आॅफ वारंटी है। जिसके चलते यह अब सही नहीं हो सकता। जिसके चलते उपभोक्ता ने कहा कि इसकी बांरटी एक साल की है। अभी दो दिन और बांकी है। जिसपर कंपनी ने बताया कि यह विल तो सही है परंतु यह मोबाईल 22 दिसम्बर 2021 को ही एक्टिव हुआ है। इसकी वॉरंटी महज 22 दिसम्बर 2022 तक ही थी। जिसके चलते उपभोक्ता ने जब दुकानदार से बात की तो उसने उपभोक्ता को भगा दिया। अब उपभोक्ता इस मामले की शिकायत कोतवाली में करने की तैयारी में हैै।
आखिर ऐसा क्यों
दरअसल यह पूरा मामला एक घोटाले से जुडा है। इस दुकान पर शहर में मोबाईल धारकों को खुलेआम बेबकूफ बनाया जाता है। दरअसल यह पूरा माल जीएसटी चोरी का है। शहर में कई दुकानदार ऐसे है जो इस कटिंग के माल को बाहर से लेकर आते है। और उसे कुछ कम कीमत में उपभोक्ताओं को बेचते है। कुछ कम पैसे के लालच में दुकानदार इन दुकानों से मोबाईल खरीदते है। यह मोबाईल अच्छे चलते भी है। परंतु कुछ पैसे बचाने के चक्कर में इस तरह उपभोक्ता गुमराह हो जाते है।
जांच की जाए तो यह भी है सायबर क्राईम
दरअसल यह मोबाईल किसी बडे डिस्ट्रीब्यूटर द्धारा स्कीम के लालच में थोक में खरीदे जाते है। जहां जब यह मोबाईल पूरे नही बिक पाते तो यह डिस्ट्रीव्यूटर इन मोबाईलों को स्कीम के फेर में अपने कर्मचारीयों की सिम डालकर एक्टिव कर इन्हें बापस डिब्बे में पैककर रख देते है। उसके बाद यह डिस्ट्रीव्यूटर इन मोबाईलों को बेचने के चक्कर में स्कीम तो ले लेते है उसके बाद इन मोबाईलों को ठिकाने लगाने के चक्कर में इन्हे नए मोबाईल से कम रेट में यहां के दुकानदार खरीदकर ले आते है। जहां जब उपभोक्ता इन्हें लेता तो उसे लगता है कि यह नया मोबाईल है। परंतु वह मोबाईल पुराना होता है। जो पहले से ही एक्टिव रहता है।
इन मोबाईलों का अपराधी करते है इस्तेमाल,आसानी से बच जाते है
इन मोबाईलों को लेकर जिले में लगातार सायवर क्राइम का अपराध भी बढ रहा है। क्रिमनल इन मोबाईलों के जरिए क्राईम करते है। परंतु जब पुलिस इन मोबाईलों को ईएमईआई के नंबर से ट्रेस करते है तो बिल जो पहले से एक्टिव रहता है उसके नाम आता है। जिससे आरोपी बडी आसानी से बच जाते है।