निर्विवाद रहा है DM अक्षय कुमार सिंह का कार्यकाल, सीधी पकड ने बनाया अब तक का सबसे अलग कलेक्टर,आते ही चुनौतीयां मिली, सभी पर खरे उतरे

सतेन्द्र उपाध्याय@ शिवपुरी। बीते रोज बल्लभ भवन से जारी आदेश में शिवपुरी कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह को शिवपुरी से ट्रांसफर कर उन्हें ग्वालियर कलेक्टर बनाया गया है। उनके स्थान पर शिवपुरी की कमान 2011 के आईएएस अधिकारी रविन्द्र कुमार चौधरी को दी है। परंतु आज हम बात कर रहे है शिवपुरी में निर्विवाद कार्यकाल के लिए हमेशा पहचाने जाने बाले कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह की।

अक्षय कुमार सिंह ​को 21 अगस्त 2020 में शिवपुरी कलेक्टर का पदभार सौंपा गया था। उन्हेें शिवपुरी में उस समय कलेक्टर रही अनुग्रह पी को हटाकर उनके स्थान पर कलेक्टर का दायित्व दिया गया था। उस समय उसने सामने सबसे बडी चुनौती रही शिवपुरी की दो विधानसभाओं में उपचुनाव। यहां सिंधिया के पार्टी बदलने के बाद पोहरी और ​करैरा विधानसभा में उपचुनाव होने थे। जिसे लेकर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह के लिए बडी चुनौती थी। परंतु इन्होंने अपने शानदार नेतृत्व के चलते शिवपुरी में शांतिप्रिय तरीके से चुनाव संपन्न कराया। आते ही चुनौतीयां मिली,सभी पर खरे उतरे।

जब से कलेक्टर अक्षय कुमार​ सिंह ने शिवपुरी की कमान संभाली तब से शिवपुरी जिले में एक के बाद एक चुनौतियां मिली। सबसे पहली चुनौती शिवपुरी जिले में बाढ के रूप में मिली। जिसमें उन्होंने शानदार प्रतिनिधित्व करते हुए इस चुनौती को स्वीकार किया और इसमें शासन ने हैलीकॉप्टर मंगाकर बाढ में फसे लोगोें को सकुशल बाहर निकालने में सफलता पाई।

उसके बाद उनके सामने दूसरी चुनौती कोरोना के रूप में आई। कोरोना महामारी में जब लोग एक दूसरे से मिलने से डर रहे थे। तब दो बार कोरोना पॉजीटिव होने के बाद भी कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह लोगों के बीच आकर उनकी जितनी संभव हो सकी उतनी मदद करते रहे। कलेक्टर अक्षय कुमार​ सिंह के कार्यकाल की सबसे अहम बात यह रही कि वह कभी भी फोन से दूर नहीं भागे।

हालात यह रही कि अगर कोई उन्हें आधी रात को भी फोन लगाता तो वह आधी रात को ही फोन का रिस्पॉस करते। अगर किसी कारणबस उनका फोन नहीं उठ पाता तो उनकी और से कॉल रिटर्न जरूर किया जाता। और उसके बाद लोगों की समस्या को गंभीरता से सुनने के बाद उसपर क्वीक रिएक्शन देखने को मिलता। जिसके चलते अधिकारी कर्मचारी और नेता उनकी कार्यप्रणाली को लेकर हमेशा संतोषजनक रहे।

शिवपुरी में उनके आने से पहले से ही एसपी रहे राजेश सिंह चंदेल और कलेक्टर अक्षय कुमार की शानदार स्टूनिंग देखने को मिली। जिसके चलते वह दोनों मिलकर बहुत अच्छे तरीके से लोगों के बीच में उपस्थिति रहते। हालात यह रही कि जब भी कोई हादसा होता तो वह सबसे पहले घटना स्थल पर दोनों पहुंचते। जहां दोनों के पहुंचते ही एक तो अधिकारी सतर्क हो जाते और कलेक्टर और एसपी को देखकर दुखदर्द से पीडित लोग भी अपना दुखदर्द एसपी कलेक्टर के साथ बांट लेते। जिसके चलते यह जनता में भी अच्छे लोकप्रिय रहे।

इसके साथ ही शिवपुरी में अभी हाल ही में हुए पंचायत चुनाव और नगर पालिका के चुनाव में कलेक्टर और उनकी टीम ने अच्छा काम किया और पूरे जिले में शांतिप्रिय तरीके से मतदान संभव हो सका। इस दौरान सबसे चुनौतीपूर्ण घटना यह रही कि मतदान के बाद मौके पर ही सरपंच पंच,जनपद और जिला पंचायत सदस्यों की मतगणना होनी थी।​जो सबसे ज्यादा चुनौतीयों से भरा काम था। परंतु कलेक्टर की कार्यकुशलता के चलते बडे ही शांति​प्रिय ठंग से सम्पन्न हो सका।

यहां कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह के सामने राजनैतिक भी कोई घटनाक्रम सामने नहीं आया। उनके सामने भले ही पुरानी भाजपा और नई भाजपा को लेकर तनातनी देखने को ​रही। परंतु कलेक्टर ने यह दोनों ही अपने उपर हावी नहीं होने दी। नेता कोई भी हो लीगल काम को कलेक्टर ने बखूबी किया और इसी के चलते वह आलाकमान की भी पसंद बने रहे।

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