पूरणखेडी टोल प्लाजा पर 15 मिनिट तक आफत में बनी रही 8 दिन के मासूम की जान,परिजन गिडिगिडाते रहे,स्टाफ ने एम्बुलेंस नहीं निकलने दी

कोलारस। खबर जिले के हमेशा से चर्चा में रहने बाले पूरणखेडी टोल प्लाजा से आ रह है। जहां पूरनखेड़ी टोलप्लाज़ा प्रबंधन की लापरवाही के चलते आठ दिन की मासूम की जान आफ़त में पड़ गई। दरअसल एक गंभीर हालत में एक आठ दिन की मासूम को एंबुलेंस के जरिए जिला अस्पताल के लिए ले जाया जा रहा था। इसी दौरान टोलप्लाज़ा पर लगे जाम के चलते एंबुलेंस को 15 मिनिट तक खड़े रहने पड़ा। एम्बुलेंस स्टॉफ और परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन टोलप्लाज़ा के कर्मचारियों ने एक न सुनी, इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें एम्बुलेंस स्टॉफ और परिजन एंबुलेंस को जल्द जल्द निकलवाने की गुहार लगा रहें है।
108 – जननी एक्सप्रेस के चालक पवन यादव ने बताया कि रविवार की रात बदरवास स्वास्थ्य केंद्र में एक आठ दिन की बच्ची (वेवी ऑफ कृष्णा) की तबियत बिगड़ गई थी बच्ची का पेट फूलता ही जा रहा था। बच्ची की बिगड़ती हालात को देखते हुए डॉक्टर अर्पित ने बच्ची तत्काल शिवपुरी के जिला अस्पताल के रैफर लिए रैफर कर दिया था। डॉक्टर ने बिना देरी करे बच्ची को जिला अस्पताल पहुचाने की बात कही थी। में एम्बुलेंस से बच्ची और उसके माता-पिता को लेकर निकला था। रात्रि करीब आठ बजे में पूरनखेड़ी टोलप्लाज़ा प्लाजा पर पहुचा था।
जहां टोलप्लाज़ा की सभी लाईनों में लंबी लंबी वाहनों की कतार लगीं हुई थी। मैने और बच्ची के पिता ने एंबुलेंस को जल्द निकलवाने की बात टोलप्लाज़ा के कर्मचारियों से कही थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। एंबुलेंस करीब 15 मिनिट तक टोलप्लाज़ा पर खड़ी रही इसी दौरान बच्ची की भी लगातार पेट फूलता जा रहा था। बच्ची की मां भी रोने लगी थी। लेकिन मौजूद कर्मचारियों ने एक न सुनी, 15 मिनिट के बाद टोलप्लाज़ा की एक पट्टी से निकलना संभव हो सका। जबकि नियम अनुसार टोल प्लाजा पर दोनों साइड एक-एक लेन इमरजेंसी वाहनों के लिए आरक्षित रखी जाती हैं।
पूरनखेड़ी टोलप्लाज़ा के मैनेजर संजय गोस्वामी का कहना है कि यह मामला आपके द्वारा मेरे संज्ञान में लाया गया है, मैं इसकी जानकारी लेता हूं एंबुलेंस के लिए एक अलग से लाइन रहती है उस लाइन पर गाड़ी खड़ी होती है तो हम इस स्थिति में टोल के अंदर से एंबुलेंस को निकाल देते हैं एंबुलेंस को कभी भी लाइन में खड़े नहीं रहने देते हैं।