संत के जैसा रूप बनाने से कुछ नहीं होगा, संत का तो स्वरूप ग्रहण करना चाहिए: नंदनी भार्गव

करैरा। जिले के करैरा के बामोर के ग्राम धुवाई में प्रति वर्ष क़ी भांति प्रसिद्ध खाती वावा के मन्दिर पर यज्ञ का अयोजन हो रहा हैं, ज़हाँ राम कथा का वाचन, शिवपुरी से पधारी कथा व्यास, वालयोगी पं. वासुदेव नंदिनी भार्गव द्वारा किया ज़ा रहा हैं। श्री राम कथा में आज तृतीय दिवस की कथा में शिव पार्वती प्रसंग का श्रवण कराया गया एवं बताया की सती ने सीता जी का रूप बनाया।
लेकिन बह सीता का स्वरूप न ले सकी अतः किसी का रूप बना लेना सरल है, संत के जैसा रूप बनाने से कुछ नही होता है,संत का तो स्वरूप ग्रहण करना चाहिए, क्योंकि रूप देह का होता है और स्वरूप आत्मा का,रूप समय के साथ ढल जाता किंतु स्वरुप समय के साथ निखरता है।
कैलाश पर्वत पर शंकर जी ने पार्वती जी को सुनाने के लिए रामकथा का उद्घाटन किया। रामकथा की पहली श्रोता श्री पार्वती जी ही है क्योंकि कथा कोई स्थिर बुद्धि वाला ही सुन सकता है और स्थिरता का गुण पर्वत में ही होता है। खाती वावा मन्दिर पर यज्ञ, रामकथा के साथ रामलीला का भी आयोजन प्रतिदिन हो रहा है, जिसमे हज़ारों लोग धर्म लाभ ले रहे हैं।