एक साल पहले पानी की टंकी पर चढने का मामला फिर आया सामने: महिला बोली शराब पीकर लाखों रूपए की संपत्ति हडप ली

शिवपुरी। बीते लगभग एक साल पहले घोडा चौराहे के पास एक प्लॉट को लेकर पानी की टंकी पर आत्महत्या के उद्देश्य से चढा एक परिवार फिर उसी प्लॉट को लेकर आज सुर्खियों में है। आज इसी प्लॉट को लेकर दो पक्षों विवाद हो गया। सही समय पर पहुची पुलिस झगड़ा शुरू होने से ही पहले झगड़े को शांत कराया दिया। दोनों पक्षों ने इसकी शिकायत सिटी कोतवाली में दर्ज कराई हैं।
पुलिस को शिकायत करते हुए संतोष कुशवाह ने बताया कि हम पांच भाई है पांचों के नाम जमीन का हिस्सा बांटा हो चुका है। आज जब उसने प्लॉट की पक्की बाउंड्रीवाल कराने का काम शुरू करवाया तो मौके पर कन्हैया रावत पुत्र कमर सिंह रावत निवासी राम खेड़ी गांव निवासी गांधी कॉलोनी शिवपुरी आ गया। कन्हैया द्वारा मेरे भाई लक्ष्मण और मेरे प्लॉट की भी जगह भी अपनी बताई गई। कन्हैया का कहना है कि सात वर्ष पहले मेरे भाई लक्ष्मण ने दो लाख रुपए देकर एग्रीमेंट कराकर उक्त जमीन मेरे नाम कर दी थी। संतोष का कहना है कि अगर उसके भाई लक्ष्मण ने उसके हिस्से की जमीन का एग्रीमेंट कराया है लेकिन कन्हैया रावत उसके प्लॉट में भी अपना मालिकाना हक जता रहा है।
नशा करा कर कलवाया एग्रीमेंट, नशामुक्ति केंद्र में भर्ती मालिक
संतोष ने बताया उसका भाई लक्ष्मण नशे का आदी है नशा कर कन्हैया रावत ने मेरे भाई से एग्रीमेंट पर साइन करा लिए। पिछले 10 माह से उसका भाई लक्ष्मण शिवपुरी शहर के नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती है इससे पहले भी एक साल नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती होकर आया था। भाई के नशे के शौक का फायदा कन्हैया रावत के द्वारा उठाया गया। कन्हैया रावत का कहना है कि उसके पास 6 साल पुरानी जमीन की रजिस्ट्री और उसका नामंत्रण भी है लक्ष्मण ने उसे यह जमीन 6 साल पहले बेच दी थी।
पहले क्या हुआ था
बीते लगभग एक साल पहले इसी परिवार का आरोप था कि पटवारी ने धोखे से पोहरी बस स्टैंड के पास दुर्गादास चौराहे पर स्थित मकान, दुकान व जमीन की रजिस्ट्री अपनी मां भगवती धाकड़ व रिश्तेदार रंजीत धाकड़ के नाम करवा ली है। अब वह रजिस्ट्री वापस करने के बदले 50 लाख रुपए की मांग कर रहा है। मां-बेटियों की मांग थी कि प्रशासन धोखा देकर नशे की हालत में कराई गई रजिस्ट्रियों को कैंसिल करे। महिला अपनी दोनों बेटियों के साथ ओवरहेड टैंक से तब उतरी, जब मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने पटवारी को निलंबित करने सहित रजिस्ट्री कैंसिल करने की घोषणा कर दी थी। उसके बाद यह मामला निपट गया था। परंतु अब यह मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है।
इस मामले में प्लॉट खरीदने बाले कन्हैया रावत का कहना है कि यह पूरा परिवार ऐसे ही पहले जमींन बेच देता है उसके बाद वह मुकर जाता है। उसने यह रजिस्ट्री 6 साल पहले कराई है। अब इस प्लॉट पर अपना हक जता रहे है। अब हमने तो पैसे दिए तो हम प्लॉट कैसे छोड देंगे।