रोटी कपडा और मकान जैसी मूलभूत आवश्यकता के लिए शुरू किया है परोपकार फाउंडेशन

शिवपुरी। महर्षि वेदव्यास ने अपने पुराण में दो बाते कही हैं जिनमें पहली हैं दूसरों का भला करना पुण्य हैं और दूसरी दुसरो को अपनी वजह से दुखी करना ही पाप है। इन्हीं उदात्त भावनाओं से प्रेरित होकर परोपकार फाउंडेशन की शुरुआत की गई।
साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, आध्यात्मिक आयोजनों के माध्यम से समाज को जाग्रत करने वाली देश की यह एक अनोखी संस्था है। संस्था ने किसी धर्म विशेष को केंद्रित ना करते हुए सबके कल्याण की भावना से सर्वप्रथम सर्वोपरि हमें इस संसार में लाने वाली मां जननी के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए रोटी कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए इस संगठन की शुरुआत की गई।
“मां” मां तो मां है चाहे वह किसी भी धर्म संप्रदाय की हो।
समाज में ऐसी कई वृद्ध महिलाएं है जिनके ना है पति हैं ना ही पुत्र है ना ही खाने के लिए खाना है ना ही पहनने के लिए ठीक ठाक कपड़े और ना ही रहने के लिए कोई मकान आदि ऐसे में वो बेबस लाचार मां दर दर भटकती है। कुछ तो ऐसी है जो भीक भी नहीं मांगती बस सेहती रहती है।
इस सबको ध्यान रखते हुए संस्था द्वारा रोटी कपड़ा मकान की की मूलभूत आव्यकताओं की पूर्ति के लिए संस्था द्वारा एक वर्ष में दो जोड़ी कपड़े जिसमें हिन्दू महिलाओं के लिए साड़ी पेटीकोट ब्लाउज। एवम् मुस्लिम आदि को सुविधा अनुसार दो जोड़ी सूट सिलवाकर दिए जाने का विचार है।
सर्दियों में स्वेटर ,शाल कम्बल आदि
प्रतिमाह के सम्पूर्ण राशन की व्यवस्था की जाएगी जिसमें दस किलो आटा, एक किलो चावल, सभी प्रकार की दाले, एक किलो दलिया, पोहा, बेसन, सूजी, सककर, नमक, तेल, घी, मिर्च, हल्दी, धनिया पाउडर, जीरा , हींग,आदि जिन माताओं के पास रहने के लिए मकान नहीं है। उनके लिए एक कमरे का किराया 1500 रुपया देने का विचार एवम् जो माताएं किसी बीमारी आदि से पीड़ित हैं उनकी पूरे महीने की दवाई चेकअप आदि की व्यवस्था का विचार है।
इस प्रकार संस्था द्वारा हमारी माताओं की मूल आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकेगी। जिन माताओं की आयु 60 वर्ष से अधिक है एवम् जिनके पति पुत्र आदि नहीं है उन्हें वरीयता दी जाएगी। संपर्क सूत्र: 8962598999, 9755870696