सरस्वती शिशु मंदिर बैराड़ में मनाई सावित्री बाई फुले की जयंती

बैराड़। बैराड़ में विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर में आज सावित्रीबाई फुले की जन्म जयंती मनाई गई। नारी जीवन को शिक्षा सेवा समानता समरसता और प्रेम रूपी पहचान बनाने वाली आधुनिक भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जन्म जयंती सरस्वती शिशु मंदिर में आज मंगलवार को नगर परिषद अध्यक्ष मालती लक्ष्मण रावत एवं उपाध्यक्ष सेवा तुलाराम यादव के मुख्य अतिथि मनाई गई।

इस दौरान सावित्री भाई फुले की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर जयंती मनाकर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मालती लक्ष्मण रावत ने कहा कि भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले को कौन नहीं जानता। वे एक कवयित्री एवं महान समाज सुधारक थीं। उनका जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के एक किसान परिवार में हुआ था।

सावित्रीबाई फुले के पिता का नाम खंडोजी नेवसे और माता का नाम लक्ष्मीबाई था। उन्होंने महात्मा ज्योतिबा फुले के साथ मिलकर सन् 1848 में बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की उनके पति ज्योतिबा भी समाजसेवी थे। वे भारत की पहली ऐसी महिला शिक्षिका थीं, जिन पर दलित लड़कियों को पढ़ाने पर पत्थर और कीचड़ फेकें गए, पर वे अपने कर्तव्य से जरा विचलित नहीं हुई और अपना पढ़ाने का कार्य जारी रखा। इस अवसर पर प्रधान आचार्य जितेंद्र शर्मा, अजमेर चंदेल, सौम्या दीक्षित, मोना ठाकुर सहित भैया बहन मौजूद रहे।

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